Sawan 2022: हिंदू धर्म में सावन के महीने को खास माना जाता है। मान्यता है यह महीना भोलेनाथ को विशेष प्रिय है। इसलिए इस महीने भक्तजन भोलेनाथ अपने- अपने तरीके प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं और उनकी पूजा- आराधना करने हैं। भक्त सावन के सभी सोमवार का व्रत रखते हैं, ऐसा माना जाता है कि सावन में सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बतााने जा रहे हैं कि सावन के महीने में ऐसे कौन से ज्योतिषीय उपाय हैं, जिनको करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं। साथ ही धन में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं…
सोमवार को रखें व्रत
सोमवार को व्रत- उपवास रहने से मन का शुद्धिकरण होता है। साथ ही नवग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर होता है।सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है। वहीं सोमवार को व्रत रखने से कुंडली में अगर चंद्रमा निगेटिव विराजमान है तो उसका प्रभाव कम होता है।
शिवलिंग का करें अभिषेक
शादीशुदा जिंदगी से परेशानियों को दूर करना है तो सावन सोमवार के दिन पति-पत्नी साथ मिलकर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे दोनों में प्रेम बढ़ेगा और दांपत्य जीवन सुखमय होगा। यदि आप सावन में हर रोज शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं तो शिव परिवार का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही आप भोलेनाथ को केसर मिश्रित खीर का भोग लगाएं, ऐसा करने से जॉब और कारोबार में लाभ प्राप्त होता है।
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
सावन माह में हर रोज महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति गंबीर बीमारी से ग्रस्त है तो उसको सावन में सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप खुद या किसी योग्य ब्राह्राण द्वारा कराना चाहिए। ऐसा करने से उनको जरूरी स्वास्थ्य लाभ होगा।
भोलेनाथ को चढ़ाएं ये चीजें
भोलेनाथ को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है। ये चीजे सोमवार दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं। इनको चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन मे सुख- समृद्धि का वास रहता है। साथ ही सावन सोमवार के दिन शिव पूजा के दौरान पति-पत्नी 21 बेलपत्र पर चंदन से ‘ओम नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन में भी मधुरता आती है।
मांस- मदिरा और तामसिक भोजन का करें त्याग
भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए सावन के महीने में अपने खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस मास में आपको मांस-मदिरा अर्थात तामसिक भोजन के सेवन से परहेज करना चाहिए।