सावन शिवरात्रि इस बार 19 जुलाई को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म के लोगों के लिए यह त्योहार काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन शिव के भक्त शिव जी की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि व्रत रखने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भक्तों के समस्त पापों का विनाश होता है।

महत्व: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। शिवरात्रि पर शिव भक्त पूरे दिन व्रत रख शिव जी की अराधना करते हैं। सावन में आने वाली शिवरात्रि का अधिक महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि सावन में शिव जी का व्रत रखने से कुंवारी कन्‍याओं को मनचाहा वर और कुंवारे लड़कों को मनचाही वधु जल्द मिल जाती है।

सावन शिवरात्रि व्रत विधि: शिवपुराण अनुसार शिव भक्तों को मासिक शिवरात्रि पर उपवास रख शिवलिंग का जलाभिषेक कर भोले भंडारी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। शिवरात्रि व्रत रखने वाले जातकों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पास के शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र और गंगा जल अर्पित करें। शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गन्‍ने का रस या चीनी का मिश्रण) चढ़ाएं। अब ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हुए शिवलिंग पर एक-एक कर बेल पत्र, फल और फूल चढ़ाएं। पूजा के बाद शिव और माता पार्वती की आरती करें। शिव की पसंदीदा चीजों का भोग लगाएं। भोग में मीठा जरूर शामिल करें।

कालसर्प दोष से मुक्ति के लिये क्या करें? जातक ब्रह्म मुहूर्त में शिव मंदिर में जाकर षोडषोपचार से भगवान भोलेनाथ की पूजा करें और  शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाकर 108 बार शिवमंत्र का जाप करें। चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढायें। इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी लाभकारी होता है। पंचमुखी रुद्राक्ष की माला लेकर भगवान शिव के मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें।

सावन शिवरात्रि तिथि व मुहूर्त:
निशिथ काल पूजा मुहूर्त – 12:07 AM से 12:10 AM (20 जुलाई 2020)
पारण का समय – 05:36 AM बजे (20 जुलाई 2020)
चतुर्दशी तिथि आरंभ – 12:41 AM बजे (19 जुलाई 2020) से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 12:10 AM बजे (20 जुलाई 2020) तक