Sawan Shivratri 2018 Jal Date and Timings, Kawad Jal Date 2018: सावन का महीना प्रारंभ हो चुका है। हिंदू धर्म में इसे बड़ा शुभ महीना माना जाता है। मान्यता है कि सावन भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि सावन में शिव की पूजा करने से वे बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। और अपने भक्त की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। सावन में शिव जी का जलाभिषेक करने का विशेष लाभ बताया गया है। कहते हैं कि सच्चे मन से सावन में प्रतिदिन शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाए तो इसका विशेष लाभ प्राप्त होता है। मान्यता है कि जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस बीच शिवरात्रि के दिन शिव के जलाभिषेक को और भी शुभ बताया गया है। हालांकि यदि शिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त का ध्यान रखकर जलाभिषेक किया जाए तो सर्वोत्तम होता है।
शुभ मुहूर्त: शिवरात्रि पर शिव जी के जलाभिषेक का सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त प्रात: 4 बजे से सुबह 8.48 बजे तक था। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार शिवरात्रि पर जलाभिषेक का दूसरा मुहूर्त दोपहर 3.35 बजे से रात्रि 8.15 बजे के बीच होगा। रात्रि का आठवां भाग(प्रदोष काल) सायं 7.6 बजे से रात्रि 9.01 बजे तक रहेगा। जबकि निशिथ काल पूजन का वक्त रात्रि 12.05 बजे से 12.49 बजे के बीच होगा। वहीं त्रयोदशी तिथि की बात करें तो यह 9 अगस्त(आज) की रात्रि में 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। व्रत पारण 10 अगस्त 2018 में प्रात: 5.51 बजे से प्रारंभ होकर मध्याह्न 3.43 बजे तक रहेगा।
बता दें कि कांवड़िए सावन माह में शिव जी के पवित्र धामों की यात्रा करते हैं। माना जाता है कि शिव का जलाभिषेक करने के बाद ही यह धार्मिक यात्रा पूरी मानी जाती है। ऐसे में शिव जी का जलाभिषेक करने को लेकर कांवड़िओं के बीच विशेष उत्साह नजर आता है। प्रत्येक कांवड़िया शिव का जलाभिषेक करके उनका आशीर्वाद पाना चाहता है। मान्यता है कि शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से शिव जी अपने सच्चे भक्त की मनोकमाना जरूर पूरी करते हैं।
बता दें कि इस साल शिवरात्रि 9 अगस्त यानी सावन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को पड़ रही है। शिवरात्रि को शिव और शक्ति को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं पर नजर डालें तो मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग रूप में प्रकट होते हैं। यह मान्तायता है कि इस दिन लक्ष्मी, सरस्वती और सीता-सावित्री इत्यादि ने भी शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया था। यह भी कहा जाता है कि पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्मा के द्वारा की गई थी।