हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना गया है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे महीने शिवभक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि अपना विशेष महत्व रखती है। कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन शिव जो जलाभिषेक करना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि शिवरात्रि पर किए गए जलाभिषेक से शिव जी बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। बता दें कि इस महीने सावन की शिवरात्रि श्रावण कृष्ण त्रयोदशी यानी 9 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रही है। ऐसे में अभी से मंदिरों और बाजारों में शिवरात्रि के तैयारियां शुरू हो चकुी हैं।
मालूम हो कि प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि भी पड़ती है। लेकिन सावन माह में आने वाली शिवरात्रि का खास महत्व है। सावन की शिवरात्रि को फाल्गुन महीने में आने वाली महाशिवरात्रि के समान ही फलदायी माना गया है। कहते हैं कि शिवरात्रि पर सच्ची श्रद्धा के साथ शिव जी की उपासना करने पर उनकी कृपा बरसती है। माना जाता है कि भोले की कृपा से व्यक्ति के समस्त अंधकार दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में प्रकाश यानी कि ज्ञान का आगमन होता है।
सोमवार का दिन भगवान शिव का समर्पित किया गया है। इस दिन शिव जी की पूजा का खास महत्व बताया गया है। ऐसे ही सावन की शिवरात्रि भी अपना खास महत्व रखती है। शिवरात्रि पर शिव जी को जलाभिषेक करने का प्रावधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जलाभिषेक से शिव जी बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक के लिए हरिद्वार, गौमुख से कांवड़ भी लेकर आते हैं। शिवभक्तों के बीच ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे गूंजते हैं। और पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आता है।