Sawan Shivaratri 2018: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना गया है। कहा जाता है कि सावन में शिव की आराधना करने से वे बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। इन सबके बीच सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि अपना खास महत्व रखती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से शिवरात्रि के दिन शिव जी की आराधना करता है, उस पर उनकी कृपा बरसती है। मालूम हो कि शिवरात्रि की महत्ता शास्त्रों में भी बताई गई है। शास्त्रों के अनुसार शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है कि सावन माह में उनकी पूजा-अर्चना की जाए। इसके भी आसान तरीका शिवरात्रि पर उनका जलाभिषेक करना बताया गया है।

मान्यता है कि शिवरात्रि पर शिव जी का जलाभिषेक करने से वे अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त के समस्त कष्टों को दूर करते हैं। शिवरात्रि के दिन शिव मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ लगी होती है। प्रत्येक शिवभक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करके उन्हें प्रसन्न करना चाहता है। इसके साथ ही शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने का भी खास महत्व बताया गया है। कहते हैं कि रुद्राभिषेक करने से शिव जी जीवन के समस्त कष्टों का नाश करते हैं और समृद्धि लाते हैं।

मालूम हो कि साल में कुल 12 शिवरात्रि पड़ती है। लेकिन सावन की शिवरात्रि इसमें अपना विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि शिवरात्रि पर सच्चे मन से व्रत रखने पर मानेचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। ऐसे में कुंवारी लड़कियों के बीच शिवरात्रि को लेकर खास आस्था नजर आती है। कुंवारे लड़के भी बड़ी ही श्रद्धा के साथ शिवरात्रि पर व्रत रखते हैं। मालूम हो कि शिवरात्रि पर ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करना भी बहुत शुभ माना गया है। कहते हैं कि इस शिव मंत्र का जाप करने से भोले बाबा जीवन के सारे दुखों को हर लेते हैं।