Sawan 2024 Belpatra: हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है। इस साल 22 जुलाई से सावन मास आरंभ हुआ है, जो 18 अगस्त को समाप्त होगा। 29 दिनों का सावन माह के दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि करते हैं। इसके अलावा भोले बाबा को बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, आक का फूल से लेकर भस्म आदि चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि अगर सावन के दौरान आप भगवान शिव को कुछ नहीं चढ़ा पा रहे हैं, तो केवल एक लोटा विधिवत तरीके से जल चढ़ा दें। इससे भी वह प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अलावा शिवपुराण में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के कई नियम के साथ-साथ उपाय बताए गए है। ऐसे ही बेलपत्र को लेकर एक नियम बताए है जिसे करने से व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं बेलपत्र को किस तरह से चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इन 5 जगहों पर चढ़ाएं बेलपत्र
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव की कृपा पाने के लिए 5 शुद्ध बिना कटी फटी तीन पत्तियों वाली बेलपत्र ले लें। इसके बाद सबसे पहली बेलपत्र भगवान नंदी पर चढ़ाएं। इसके बाद दूसरी बेलपत्र उस स्थान पर चढ़ाएं जहां पर गणेश जी का स्थान माना जाता है। इसके बाद तीसरी बेलपत्र उस स्थान पर चढ़ाएं जहां पर शिवलिंग विराजित है उस जलाधारी पर। चौथी बेलपत्र जलधारी के उस स्थान पर चढ़ाएं जहां से जल गिरता है। इसके साथ ही आखिरी बेलपत्र शिवलिंग के ऊपर रखें।
बेलपत्र न हो, तो करें ये काम
अगर आपके पास बेलपत्र नहीं है, तो शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ी बेलपत्र को आप उठा कर साफ जल से धो लें। इसके बाद आप इन्हें चढ़ा सकते हैं। शिवपुराण के अनुसार ऐसा करने से बाबा रुष्ट नहीं होते हैं और इसका फल आपको को ही मिलता है। बेलपत्र का इस्तेमाल दोबारा किया जा सकता है। इसलिए आप बिना किसी संकोच के चढ़ी हुई बेलपत्र को दोबारा धोकर चढ़ा सकते हैं।
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