Sawan 2022 Belpatra: सावन का पवित्र माह आरंभ हो चुका है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण विभिन्न तरीके से उनकी पूजा करने से है। दूध, जल, शहद से लेकर भस्म तक से अभिषेक कर रहे हैं। इन्हीं चीजों में से एक बेलपत्र, जो भगवान शिव को अति प्रिय है। माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करते समय श्रद्धापूर्वक जल के साथ एक बेलपत्र भी चढ़ा दी जाए, तो वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद दे देते हैं। लेकिन आज के समय में बेलपत्र मिलना काफी मुश्किल है। खासकर जब बात शहरों की हो, तो ऐसे में हर कोई परेशान रहते हैं कि आखिर अपने आराध्य को कैसे बेलपत्र चढ़ाएं। ऐसी स्थिति में जानें अगर आपको बेलपत्र नहीं मिल रही है, तो क्या करना हो सकता है शुभ।
बेलपत्र नहीं है, तो करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, अगर आपको सावन के प्रतिदिन या फिर जब आप मंदिर जा रहे हैं, तो बेलपत्र नहीं मिल पा रही है, तो ऐसे में शिवलिंग में चढ़ी हुई बेलपत्र उठा लें और इसे जल या फिर गंगाजल से धो लें। इसके बाद पुन: इसे चढ़ा दें। माना जाता है कि ऐसा करने से पूरे फल की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही किसी भी प्रकार का दोष भी नहीं लगता है।
6 माह तक बासी नहीं होती बेलपत्र
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि बेलपत्र करीब 6 माह तक बासी, जूठी नहीं होती है। इसलिए आप एक बेलपत्र को कई बार भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं। इससे किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है और पूजा का पूरा फल मिलता है।
चांदी का बेलपत्र चढ़ाना भी शुभ
अगर आप हरा बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहते हैं, तो अपनी योग्यता के अनुसार चांदी का तीन पत्तियों वाला बेलपत्र बनवा लें और इसे आप सावन मास में शिवलिंग में चढ़ा दें। इसके बाद रोजाना इसे गंगाजल या पानी से धोकर दोबारा चढ़ा सकते हैं। इससे भी किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है।
ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र
भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा चिकना भाग शिवलिंग के ऊपर रखना चाहिए। हो सके, तो आप चंदन से बेलपत्र की हर पत्ती में ऊं लिख सकते हैं। इसके साथ ही कटी-फटी बेलपत्र चढ़ाने से बचना चाहिए। ऐसी बेलपत्र चढ़ाने से दोष लग सकता है और हमेशा तीन पत्तियों वाला ही बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।
