Shani Sade Sati And Dhaiya 2024: वैदिक ज्योतिष के मुताबिक ग्रह एक निश्चित अवधि पर वक्री और मार्गी होते रहते हैं। जिसका असर मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि कर्मफल दाता शनि देव 30 जून को वक्री होने जा रहे हैं। वक्री होने से शनि देव अपना तेज फल प्रदान करेंगे। ऐसे कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव शुरू होने वाला है। जिससे इन राशियों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं…
इन राशियों पर ढैय्या का अशुभ प्रभाव
वैदिक ज्योतिष अनुसार शनि देव के कुंभ राशि में वक्री होने से कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का अशुभ प्रभाव शुरू होने वाला है। क्योंकि शनि देव कर्क राशि वालों की गोचर कुंडली में आठवें और वृश्चिक राशि के लोगों की गोचर कुंडली में चतुर्थ स्थान में संचरण कर रहे हैं। इसलिए इस समय आपको स्वास्थ्य को लेकर दिक्कत हो सकती है। साथ ही आपको किस्मत का साथ कम ही मिलेगा। वहीं ज्यादा मेहनत करने पर कम फल मिलेगा। साथ ही जो जरूरी काम हैं वो इस दौरान वो अटक सकते हैं। वहीं प्रतियोगी छात्रों को इस समय सफलता नहीं मिलेगी। माता की सेहत का इस समय विशेष ध्यान रखें।
इन राशियों पर साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव
शनि देव के कुंभ राशि में वक्री होने से मीन राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का कष्टमय समय शुरू होगा। वहीं ही कुंभ राशि के जातकों पर दूसरा चरण और मकर राशि पर तीसरा चरण का कष्टकारी चरण शुरू होगा। इसलिए इस दौरान आपको आर्थिक रूप से थोड़ा संतोष करना पड़ेगा। साथ ही दौरान आपको बीमारियां घेर सकते हैं। साथ ही आपका धन कहीं डूब सकता है।
वहीं आपको वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। क्योंकि दुर्घटना के योग बन रहे हैं। वहीं किसी बात को तनाव हो सकता है। साथ ही जीवनसाथी के साथ कुछ मनमुटाव हो सकता है। ऐसे में आप लोग शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक शनि प्रतिमा के सामने जलाएं। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें। साथ ही शनिवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल, सरसों का तेल और काली दाल का दान करना चाहिए।