Shani Dev: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना जाता है, क्योंकि शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। ऐसे में शनि के राशि परिवर्तन असर का असर 12 राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया में साफ देखने को मिल जाता है। शनि को कर्मफल दाता कहा जाता है, जो जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। ऐसे में शनि को एक राशि चक्र पूरा करने में 30 साल का वक्त लग जाता है। इतना ही नहीं शनि एकलौता ग्रह है जिसके पास साढ़े साती और ढैय्या का हक है। ऐसे में शनि की स्थिति में बदलाव का असर 12 राशियों के जीवन में उथल-पुथल मचा देता है। शनि को क्रूर ग्रह कहा जाता है। लेकिन कुछ भावों में वह अच्छे फल प्रदान करते हैं। शनि की स्थिति, भाव के साथ-साथ अन्य ग्रहों के साथ संबंध पर निर्भर करता है कि वह कैसा फल देंगे। आइए जानते हैं शनि किन भावों में सबसे अच्छे फल देते हैं।

इन भावों में शनि देते हैं शुभ फल

शनि का लाभ स्थान में होना

कुंडली में लाभ स्थान को ग्यारहवां भाव कहा जाता है। इस भाव में शनि का होना काफी शुभ माना जाता है। इस भाव में शनि के होने से जातकों को उनके जीवन का असली लक्ष्य प्राप्त होता है। हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। शनि स्थिरता प्रदान करते हैं। शनि आपको सही रास्ते में चलने के लिए प्रेरित करने के साथ अपनी इच्छाओं को जगाते हैं। धैर्यवान बनाने में मदद करते हैं। आय में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। दोस्तों का पूरा साथ मिलता है। पर्याप्त मात्रा में धन बचाने में सफल होते हैं।

दशम भाव में शनि

शनि का दशम भाव (10वां) में होना भी काफी शुभ माना जाता है। इस स्थान में शनि के होने से आपको मान-सम्मान, करियर, समाज में सम्मान और उच्च पद प्राप्ति में सहायक होती है। इसके साथ ही आप एक अच्छे शासक यानी अपनी टीम को अच्छे से नेतृत्व कर सकते हैं। आपकी जीविका में धीरे-धीरे सुखों की दस्तक होती है। आप अपने पराक्रम से कई बड़ी-बड़ी सफलताएं पा लेते है। कार्यक्षेत्र में भी वृद्धि होती है। उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध स्थापित होते हैं। इसके साथ ही कानूनी मामलों में सफलता हासिल होती है।

शनि के सप्तम भाव में होना

कुंडली के7वां भाव में शनि का होना अच्छा माना जाता है। शनि की कृपा से इस राशि के जातकों के जीवन में स्थिरता आती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती है। व्यापार से जुड़े जातकों को भी खूब लाभ मिल सकता है। पार्टनरशिप में किए गए व्यापार में खूब लाभ मिलने के आसार बनते हैं। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। ऐसे में आपके जीवन में कई खुशियों की दस्तक होती है।

शनि का चतुर्थ भाव में होना

शनि का 4 वें भाव में होना काफी शुभ माना जाता है। शनि की कृपा से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती हैं। स्थायी संपत्ति के योग भी बनते हैं। ये लोग खूब तरक्की करते हैं और इनको भाग्य का पूरा सा मिलता है। नौकरी, विवाह, संतान आदि में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बढ़ती उम्र के साथ परेशानियां समाप्त हो जाती है। इस भाव में शनि के होने से जातक गुणवान होता है। उसके पास विभिन्न प्रकार के वाहन होते है्। इसके साथ ही किसी और की संपत्ति मिलने के भी काफी अधिक चांसेस होते हैं। शनि की इस स्थिति के कारण कई बार दो विवाह होने के भी योग बन जाते हैं।

नए साल 2025 में न्याय के देवता राशि परिवर्तन करेंगे। वह अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर गुरु की राशि मीन में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य पड़ सकता है। लेकिन इन 3 राशियों को सबसे अधिक लाभ मिलने वाला है। जानें इन राशियों पर आपकी राशि है कि नहीं?

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