Basant Panchami 2025/Saraswati Puja Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List, Katha, Aarti, Mantra, Shlok In Hindi : आज देशभर में बसंत पंचमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन खास तौर पर मां सरस्वती की पूजा होती है। इस बार इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि इस दिन शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने इस दिन मां सरस्वती को प्रकट किया था। मां सरस्वती कमल के फूल पर बैठी हुई और चार हाथों वाली थीं। एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में किताब, तीसरे में माला और चौथे हाथ में वर मुद्रा में थीं। तब ब्रह्मा जी ने उनका नाम ‘सरस्वती’ रखा।

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा बहुत खास होती है। इस दिन को विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती का दिन माना जाता है। पूजा करते वक्त मां को पीले रंग के फूल, फल और मिठाई अर्पित करनी चाहिए क्योंकि उन्हें पीला रंग बहुत पसंद है। साथ ही, उन्हें पीले वस्त्र और माला अर्पित करना शुभ होता है।आइए जानते हैं बसंत पंचमी संबंधित हर एक अपडेट…

बसंत पंचमी तिथि 2025 (Basant Panchami 2025 Tithi)

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। क्योंकि 3 फरवरी को सूर्योदय का स्पर्श होते ही पंचमी तिथि समाप्त हो रही है जिससे माघ शुक्ल पंचमी तिथि का क्षय माना जा रहा है।

बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat)

पंचांग के मुताबिक 2 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 8 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस दिन पूजा के लिए लगभग 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।

बसंत पंचमी की पूजा का महत्‍व (Basant Panchami 2025)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से ज्ञान और धन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले रंग का भोग लगाता शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग देवी को अति प्रिय है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics: ‘ॐ जय सरस्वती माता…’ बसंत पंचमी पर पढ़ें सरस्वती मां की ये खास आरती

Live Updates
19:11 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat)

पंचांग के मुताबिक 2 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 8 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस दिन पूजा के लिए लगभग 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।

18:43 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी पर पढ़ें ये व्रत कथा (Basant Panchami Vrat Katha)

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ इस व्रत कथा का पाठ करें या फिर सुनें। ऐसा करने से आपकी पूजा पूर्ण होती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यहां पढ़ें पूरी व्रत कथा…

Saraswati Mata Puja (Basant Panchami) Vrat Katha: बसंत पंचमी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मां सरस्वती होंगी प्रसन्न

17:47 (IST) 1 Feb 2025
मां सरस्वती का भोग (Basant Panchami 2025 Saraswati Bhog)

मां सरस्वती को पीले रंग का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके लिए उन्हें बेसन के लड्डू, पीले मीठे चावल, मालपुआ, केसर हलवा और राजभोग अर्पित करें।

16:35 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी पर इस रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ (Saraswati Puja 2025)

जया एकादशी व्रत हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। अगर सही तरीके से व्रत रखा जाए तो भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर इस रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ, राशि अनुसार धारण करने से मिल सकता है मनचाहा वरदान

15:48 (IST) 1 Feb 2025
सरस्वती पूजा श्लोक (Saraswati Puja Shloka)

शास्त्रों के अनुसार, हर एक छात्र को पढ़ाई शुरू करने से पहले इस सरस्वती मंत्र को जरूर बोलना चाहिए। इससे मां सरस्वती की कृपा बनी रहती हैं और बुद्धि तेज होती है।

सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,

विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।

14:37 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचंमी पर करें इन मंत्रों का जाप (Basant Panchami 2025)

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के इन मंत्रों का जाप करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

सरस्वती मंत्र

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।

कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।

वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।

रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।

सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।

वन्दे भक्तया वन्दिता च।

सरस्वती देवी का मूल मंत्र

ऊं ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।

मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

14:00 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी की पूजा का महत्‍व (Basant Panchami 2025)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से ज्ञान और धन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले रंग का भोग लगाता शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग देवी को अति प्रिय है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

13:24 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat)

पंचांग के मुताबिक 2 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 8 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस दिन पूजा के लिए लगभग 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।

12:52 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी तिथि 2025 (Basant Panchami 2025 Tithi)

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। क्योंकि 3 फरवरी को सूर्योदय का स्पर्श होते ही पंचमी तिथि समाप्त हो रही है जिससे माघ शुक्ल पंचमी तिथि का क्षय माना जा रहा है।

12:07 (IST) 1 Feb 2025
शुभ योग में मनेगी बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025)

हिंदू पंचांग के अनुसार, बंसत पंचमी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है। ज्योतिष में इन दोनों योगों को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है इन योगों में पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।

11:39 (IST) 1 Feb 2025
बसंत पंचमी पर करें सरस्वती वंदना (Basant Panchami 2025)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥

हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌।

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥