Basant Panchami 2025/Saraswati Puja Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List, Katha, Aarti, Mantra, Shlok In Hindi : आज देशभर में बसंत पंचमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन खास तौर पर मां सरस्वती की पूजा होती है। इस बार इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि इस दिन शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने इस दिन मां सरस्वती को प्रकट किया था। मां सरस्वती कमल के फूल पर बैठी हुई और चार हाथों वाली थीं। एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में किताब, तीसरे में माला और चौथे हाथ में वर मुद्रा में थीं। तब ब्रह्मा जी ने उनका नाम ‘सरस्वती’ रखा।

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा बहुत खास होती है। इस दिन को विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती का दिन माना जाता है। पूजा करते वक्त मां को पीले रंग के फूल, फल और मिठाई अर्पित करनी चाहिए क्योंकि उन्हें पीला रंग बहुत पसंद है। साथ ही, उन्हें पीले वस्त्र और माला अर्पित करना शुभ होता है।आइए जानते हैं बसंत पंचमी संबंधित हर एक अपडेट…

बसंत पंचमी तिथि 2025 (Basant Panchami 2025 Tithi)

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। क्योंकि 3 फरवरी को सूर्योदय का स्पर्श होते ही पंचमी तिथि समाप्त हो रही है जिससे माघ शुक्ल पंचमी तिथि का क्षय माना जा रहा है।

बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat)

पंचांग के मुताबिक 2 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 8 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस दिन पूजा के लिए लगभग 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।

बसंत पंचमी की पूजा का महत्‍व (Basant Panchami 2025)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से ज्ञान और धन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले रंग का भोग लगाता शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग देवी को अति प्रिय है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics: ‘ॐ जय सरस्वती माता…’ बसंत पंचमी पर पढ़ें सरस्वती मां की ये खास आरती

Live Updates
16:12 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती के इन नामों का करें जाप (Basant Panchami 2025)

1. सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।

2- महाभद्रा ॐ महाभद्रायै नमः।

3- महामाया ॐ महमायायै नमः।

4- वरप्रदा ॐ वरप्रदायै नमः।

5- श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः।

6- पद्मनिलया ॐ पद्मनिलयायै नमः।

7- पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।

8- पद्मवक्त्रगा ॐ पद्मवक्त्रायै नमः।

9- शिवानुजा ॐ शिवानुजायै नमः।

10- पुस्तकधृत ॐ पुस्त कध्रते नमः।

11- ज्ञानमुद्रा ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।

12- रमा ॐ रमायै नमः।

13- परा ॐ परायै नमः।

14- कामरूपा ॐ कामरूपायै नमः।

15- महाविद्या ॐ महाविद्यायै नमः।

16- महापातक नाशिनी ॐ महापातक नाशिन्यै नमः।

17- महाश्रया ॐ महाश्रयायै नमः।

18- मालिनी ॐ मालिन्यै नमः।

19- महाभोगा ॐ महाभोगायै नमः।

20- महाभुजा ॐ महाभुजायै नमः।

21- महाभागा ॐ महाभागायै नमः।

22- महोत्साहा ॐ महोत्साहायै नमः।

23- दिव्याङ्गा ॐ दिव्याङ्गायै नमः।

24- सुरवन्दिता ॐ सुरवन्दितायै नमः।

25- महाकाली ॐ महाकाल्यै नमः।

26- महापाशा ॐ महापाशायै नमः।

27- महाकारा ॐ महाकारायै नमः।

28- महाङ्कुशा ॐ महाङ्कुशायै नमः।

29- सीता ॐ सीतायै नमः।

30- विमला ॐ विमलायै नमः।

31- विश्वा ॐ विश्वायै नमः।

32- विद्युन्माला ॐ विद्युन्मालायै नमः।

33- वैष्णवी ॐ वैष्णव्यै नमः।

34- चन्द्रिका ॐ चन्द्रिकायै नमः।

35- चन्द्रवदना ॐ चन्द्रवदनायै नमः।

36- चन्द्रलेखाविभूषिता ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः। 37 सावित्री ॐ सावित्र्यै नमः।

38- सुरसा ॐ सुरसायै नमः।

39- देवी ॐ देव्यै नमः।

40- दिव्यालङ्कारभूषिता ॐ दिव्यालङ्कारभूषितायै नमः।

41- वाग्देवी ॐ वाग्देव्यै नमः।

42- वसुधा ॐ वसुधायै नमः।

43- तीव्रा ॐ तीव्रायै नमः।

44- महाभद्रा ॐ महाभद्रायै नमः।

45- महाबला ॐ महाबलायै नमः।

46- भोगदा ॐ भोगदायै नमः।

47- भारती ॐ भारत्यै नमः।

48- भामा ॐ भामायै नमः।

49- गोविन्दा ॐ गोविन्दायै नमः।

50- गोमती ॐ गोमत्यै नमः।

51- शिवा ॐ शिवायै नमः।

52- जटिला ॐ जटिलायै नमः।

53- विन्ध्यवासा ॐ विन्ध्यावासायै नमः।

54- विन्ध्याचलविराजिता ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः।

55- चण्डिका ॐ चण्डिकायै नमः।

56- वैष्णवी ॐ वैष्णव्यै नमः।

57- ब्राह्मी ॐ ब्राह्मयै नमः।

58- ब्रह्मज्ञानैकसाधना ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः।

59- सौदामिनी ॐ सौदामिन्यै नमः।

60- सुधामूर्ति ॐ सुधामूर्त्यै नमः।

61- सुभद्रा ॐ सुभद्रायै नमः।

62- सुरपूजिता ॐ सुरपूजितायै नमः।

63- सुवासिनी ॐ सुवासिन्यै नमः।

64- सुनासा ॐ सुनासायै नमः।

65- विनिद्रा ॐ विनिद्रायै नमः।

66- पद्मलोचना ॐ पद्मलोचनायै नमः।

67- विद्यारूपा ॐ विद्यारूपायै नमः।

68- विशालाक्षी ॐ विशालाक्ष्यै नमः।

69- ब्रह्मजाया ॐ ब्रह्मजायायै नमः।

70- महाफला ॐ महाफलायै नमः।

71- त्रयीमूर्ती ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः।

72- त्रिकालज्ञा ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।

73- त्रिगुणा ॐ त्रिगुणायै नमः।

74- शास्त्ररूपिणी ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः।

75- शुम्भासुरप्रमथिनी ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः।

76- शुभदा ॐ शुभदायै नमः।

77- सर्वात्मिका ॐ स्वरात्मिकायै नमः।

78- रक्तबीजनिहन्त्री ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः।

79- चामुण्डा ॐ चामुण्डायै नमः।

80- अम्बिका ॐ अम्बिकायै नमः।

81- मुण्डकायप्रहरणा ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः।

82- धूम्रलोचनमर्दना ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः।

83- सर्वदेवस्तुता ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः।

84- सौम्या ॐ सौम्यायै नमः।

85- सुरासुर नमस्कृता ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः।

86- कालरात्री ॐ कालरात्र्यै नमः।

87- कलाधारा ॐ कलाधारायै नमः।

88- रूपसौभाग्यदायिनी ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः।

89- वाग्देवी ॐ वाग्देव्यै नमः।

90- वरारोहा ॐ वरारोहायै नमः।

91- वाराही ॐ वाराह्यै नमः।

92- वारिजासना ॐ वारिजासनायै नमः।

93- चित्राम्बरा ॐ चित्राम्बरायै नमः।

94- चित्रगन्धा ॐ चित्रगन्धायै नमः।

95- चित्रमाल्यविभूषिता ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः।

96- कान्ता ॐ कान्तायै नमः।

97- कामप्रदा ॐ कामप्रदायै नमः।

98- वन्द्या ॐ वन्द्यायै नमः।

99- विद्याधरसुपूजिता ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः।

100- श्वेतासना ॐ श्वेतासनायै नमः।

101- नीलभुजा ॐ नीलभुजायै नमः।

102- चतुर्वर्गफलप्रदा ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः।

103- चतुरानन साम्राज्या ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः।

104- रक्तमध्या ॐ रक्तमध्यायै नमः।

105- निरञ्जना ॐ निरञ्जनायै नमः।

106- हंसासना ॐ हंसासनायै नमः।

107- नीलजङ्घा ॐ नीलजङ्घायै नमः।

108- ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः।

16:11 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती वन्दना (Saraswati Vandana)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥

हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥

15:43 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी के दिन क्यों करते हैं कामदेव और रति की पूजा (Basant Panchami 2025)

बसंत पंचमी के दिन बुद्धि, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती के साथ-साथ कामदेव और रति की भी पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब कामदेव और रति स्वर्ग से पृथ्वी आते हैं, तो बसंत ऋतु शुरू होता है। ऐसे में संसार में प्रेम की भावना बनी रहें इसलिए बसंत पंचमी के दिन कामदेव और रति की पूजा की जाती है।

15:18 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती चालीसा (Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi)

॥ दोहा ॥

जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥

पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु। रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥

॥ चौपाई ॥

जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥ जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥

रूप चतुर्भुजधारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥ जग में पाप बुद्धि जब होती।जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥

तबहि मातु ले निज अवतारा।पाप हीन करती महि तारा॥ बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी।तव प्रसाद जानै संसारा॥

रामायण जो रचे बनाई।आदि कवी की पदवी पाई॥ कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

तुलसी सूर आदि विद्धाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥ तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा।केवल कृपा आपकी अम्बा॥

करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥ पुत्र करै अपराध बहूता।तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥

राखु लाज जननी अब मेरी।विनय करूं बहु भाँति घनेरी॥मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥

मधु कैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥ समर हजार पांच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥

मातु सहाय भई तेहि काला।बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥ तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥

चंड मुण्ड जो थे विख्याता।छण महुं संहारेउ तेहि माता॥ रक्तबीज से समरथ पापी।सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥

काटेउ सिर जिम कदली खम्बा।बार बार बिनवउं जगदंबा॥ जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥

भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा।सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥

को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥ विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥

रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥ दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥ नृप कोपित जो मारन चाहै।कानन में घेरे मृग नाहै॥

सागर मध्य पोत के भंगे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥ भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥

नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करइ न कोई॥ पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥

करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥ धूपादिक नैवेद्य चढावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥

भक्ति मातु की करै हमेशा।निकट न आवै ताहि कलेशा॥ बंदी पाठ करें शत बारा।बंदी पाश दूर हो सारा॥

करहु कृपा भवमुक्ति भवानी।मो कहं दास सदा निज जानी॥

॥ दोहा ॥

माता सूरज कान्ति तव,अंधकार मम रूप। डूबन ते रक्षा करहु,परूं न मैं भव-कूप॥

बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि,सुनहु सरस्वति मातु। अधम रामसागरहिं तुम,आश्रय देउ पुनातु॥

14:53 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती ध्यान मंत्र (Basant Panchami 2025)

या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।

हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।

14:51 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी 2025 (Basant Panchami 2025 Bhog)

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ खास चीजों का भोग लगाने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को लगाएं इन चीजों का भोग, बदल जाएगी आपकी किस्मत, करियर में मिल सकती है जोरदार सफलता
14:08 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पर बन रहा शुभ योग (Basant Panchami 2025)

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि, शिव योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही ग्रहों की स्थिति के हिसाब से शश राजयोग, मालव्य राजयोग, नवपंचम राजयोग, धन लक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो रहा है।

13:55 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पर करें ये सरस्वती वंदना (Basant Panchami 2025)

वर दे, वीणावादिनि वर दे ।प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नवभारत में भर दे ।वीणावादिनि वर दे ॥काट अंध उर के बंधन स्तरबहा जननि ज्योतिर्मय निर्झरकलुष भेद तम हर प्रकाश भरजगमग जग कर दे ।वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥नव गति, नव लय, ताल छंद नवनवल कंठ, नव जलद मन्द्र रवनव नभ के नव विहग वृंद को,नव पर नव स्वर दे ।वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥वर दे, वीणावादिनि वर दे।प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नवभारत में भर दे ।वीणावादिनि वर दे ॥

13:06 (IST) 2 Feb 2025
कैसे हुई बसंत पंचमी को मनाने की शुरुआत? (Basant Panchami 2025)

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, तो सृष्टि में कोई जीवन था, लेकिन वह जीवन शांत और बिना किसी आवाज के था। भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छींटा, जिससे देवी सरस्वती प्रकट हुईं। देवी सरस्वती ने वीणा बजाकर पूरे संसार में मधुर आवाज फैलाई और सृष्टि में जीवन का संचार हुआ। तभी से देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है, और इस तिथि पर बसंत पंचमी मनाए जाने लगी।

12:24 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी उपाय इन हिंदी (Basant Panchami 2025 Upay)

कहते हैं कि अगर इस दिन सही तरीके से पूजा की जाए और कुछ खास उपाय किए जाएं, तो इससे जीवन में तरक्की मिलती है और करियर से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं। तो चलिए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले खास उपाय के बारे में जिससे मां सरस्वती प्रसन्न हो सकती हैं।

Basant Panchami 2025: धन-समृद्धि के लिए बसंत पंचमी पर करें ये सिद्ध उपाय, मां सरस्वती की रहेगी विशेष कृपा
12:08 (IST) 2 Feb 2025
मां सरस्वती की आरती लिरिक्स इन हिंदी (Maa Saraswati Ki Aarti Lyrics in Hindi)

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।

सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥

जय सरस्वती माता॥

बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।

शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥

जय सरस्वती माता॥

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।

पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥

जय सरस्वती माता॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।

मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥

जय सरस्वती माता॥

धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।

ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥

जय सरस्वती माता॥

माँ सरस्वती की आरती,जो कोई जन गावे।

हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥

जय सरस्वती माता॥

जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

11:30 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती स्तोत्रम् ॥ (Saraswati Stotram Lyrics in Hindi)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता

या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युत-शङ्कर-प्रभृतिभिर्देवैःसदा पूजिता

सा मां पातु सरस्वती भगवतीनिःशेषजाड्यापहा॥1॥

दोर्भिर्युक्ता चतुर्भिःस्फटिकमणिमयीमक्षमालां दधाना

हस्तेनैकेन पद्मं सितमपिच शुकं पुस्तकं चापरेण।

भासा कुन्देन्दु-शंखस्फटिकमणिनिभाभासमानाऽसमाना

सा मे वाग्देवतेयं निवसतुवदने सर्वदा सुप्रसन्ना॥2॥

आशासु राशी भवदंगवल्लि भासैवदासीकृत-दुग्धसिन्धुम्।

मन्दस्मितैर्निन्दित-शारदेन्दुंवन्देऽरविन्दासन-सुन्दरि त्वाम्॥3॥

शारदा शारदाम्बोजवदना वदनाम्बुजे।

सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्॥4॥

सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृ-देवताम्।

देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जनाः॥5॥

पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्नः सरस्वती।

प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या॥6॥

शुद्धां ब्रह्मविचारसारपरमा-माद्यां जगद्व्यापिनीं

वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।

हस्ते स्पाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥7॥

वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले

भक्तार्तिनाशिनि विरिंचिहरीशवन्द्ये।

कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे

विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्॥8॥

श्वेताब्जपूर्ण-विमलासन-संस्थिते हे

श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे।

उद्यन्मनोज्ञ-सितपंकजमंजुलास्ये

विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्॥9॥

मातस्त्वदीय-पदपंकज-भक्तियुक्ता

ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय।

ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण

भूवह्नि-वायु-गगनाम्बु-विनिर्मितेन॥10॥

मोहान्धकार-भरिते हृदये मदीये

मातः सदैव कुरु वासमुदारभावे।

स्वीयाखिलावयव-निर्मलसुप्रभाभिः

शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम्॥11॥

ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेशः

शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावैः।

न स्यात्कृपा यदि तव प्रकटप्रभावे

न स्युः कथंचिदपि ते निजकार्यदक्षाः॥12॥

लक्ष्मिर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तृष्टिः प्रभा धृतिः।

एताभिः पाहि तनुभिरष्टभिर्मां सरस्वती॥13॥

सरसवत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः।

वेद-वेदान्त-वेदांग-विद्यास्थानेभ्य एव च॥14॥

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तु ते॥15॥

यदक्षर-पदभ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत्।

तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि॥16॥

॥ इति श्रीसरस्वती स्तोत्रम् संपूर्णं ॥

11:04 (IST) 2 Feb 2025
श्री सरस्वती चालीसा (Basant Panchami 2025)

जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि।बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हंतु॥

जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥

जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥

रूप चतुर्भुज धारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥

जग में पाप बुद्धि जब होती।तब ही धर्म की फीकी ज्योति॥

तब ही मातु का निज अवतारी।पाप हीन करती महतारी॥

वाल्मीकिजी थे हत्यारा।तव प्रसाद जानै संसारा॥

रामचरित जो रचे बनाई।आदि कवि की पदवी पाई॥

कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

तुलसी सूर आदि विद्वाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥

तिन्ह न और रहेउ अवलंबा।केव कृपा आपकी अंबा॥

करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥

पुत्र करहिं अपराध बहूता।तेहि न धरई चित माता॥

राखु लाज जननि अब मेरी।विनय करउं भांति बहु तेरी॥

मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥

मधुकैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना॥

समर हजार पाँच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा॥

मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।बुद्धि विपरीत भई खलहाला॥

तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥

चंड मुण्ड जो थे विख्याता।क्षण महु संहारे उन माता॥

रक्त बीज से समरथ पापी।सुरमुनि हदय धरा सब कांपी॥

काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा।बारबार बिन वउं जगदंबा॥

जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा।क्षण में बाँधे ताहि तू अंबा॥

भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥

एहिविधि रावण वध तू कीन्हा।सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा॥

को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥

विष्णु रुद्र जस कहिन मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥

रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥

दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥

नृप कोपित को मारन चाहे।कानन में घेरे मृग नाहे॥

सागर मध्य पोत के भंजे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥

भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥

नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करई न कोई॥

पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि भाई॥

करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुंदर गुण ईशा॥

धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥

भक्ति मातु की करैं हमेशा।निकट न आवै ताहि कलेशा॥

बंदी पाठ करें सत बारा।बंदी पाश दूर हो सारा॥

रामसागर बाँधि हेतु भवानी।कीजै कृपा दास निज जानी॥

॥दोहा॥

मातु सूर्य कांति तव, अंधकार मम रूप।डूबन से रक्षा करहु परूं न मैं भव कूप॥

बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।राम सागर अधम को आश्रय तू ही देदातु॥

10:54 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी के दिन किस रंग का कपड़ा पहनना चाहिए? (Basant Panchami 2025)

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनके पसंदीदा रंगों को पहना जा सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं बसंत पंचमी के दिन राशि अनुसार किस रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है।

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर इस रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ, राशि अनुसार धारण करने से मिल सकता है मनचाहा वरदान
10:52 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजा (Basant Panchami 2025 Saraswati Puja Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें। अगर संभव हो तो पीले रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि यह रंग बसंत पंचमी का प्रतीक होता है। घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें और वहां मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा के लिए पीले फूल, सफेद चंदन, हल्दी, अक्षत (चावल), धूप, दीप और पीले रंग की मिठाइयां आदि शामिल करें। मां सरस्वती को केसर मिले हुए मीठे चावल, बेसन के लड्डू या हलवा का भोग चढ़ाएं। पूजा के दौरान ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। उसके बाद मां सरस्वती की आरती करें और सरस्वती चालीसा का पाठ करें। पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी ग्रहण करें।

10:40 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती पूजा मंत्र (Basant Panchami 2025 Saraswati Puja Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।

10:11 (IST) 2 Feb 2025
मां सरस्वती श्लोक (Maa Saraswati Shlok)

सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम् ।

देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना:

ओउम या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ,

या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत पद्मासना ।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता ,

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।

विद्यारंभं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥

नास्ति विद्यासमं चक्षुः नास्ति सत्यसमं तपः।

नास्ति रागसमं दुःखं नास्ति त्यागसमं सुखम्॥

10:09 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पर अपनों को भेजें ये संदेश (Basant Panchami 2025)

जीवन का ये बसंत, खुशियां दे अनंत

प्रेम और उत्साह से भर दे जीवन में रंग।

बसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं

फूलों की वर्षा, शरद की फुहार,

सूरज की किरणें, खुशियों की बहार,

चंदन की खुशबू, अपनों का प्यार,

मुबारक हो आप सभी को बसंत पंचमी का त्योहार।

मां तू स्वर की है दाता,तू ही है वर्णों की ज्ञाता,तुझमें ही नवाते हम शीश,हे मां सरस्वती दे हमें अपना आशीष।

सरस्वती पूजा के इस धन्य दिन पर,

आप हर्षित पीला वस्त्र पहनें और सरसों के खेतों की तरह खिलें;

पतंग उड़ाने का आनंद लें और उनकी तरह आकाश में उड़ें।

बसंत पंचमी की शुभकामनाएं!

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव,

नवल कंठ, नव जलद-मंद्ररव;

नव नभ के नव विहग-वृंद को

नव पर, नव स्वर दे!

वर दे, वीणावादिनि वरदे!

09:41 (IST) 2 Feb 2025
मां सरस्वती का ध्यान मंत्र ( Maa Saraswati Mantra)

या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।

हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।

09:39 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती पूजा मंत्र (Basant Panchami 2025 Saraswati Puja Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।

09:33 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पर क्या न करें (Basant Panchami 2025)

इस दिन पीले और सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, जबकि काले कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। काला रंग नकारात्मकता से जुड़ा होता है, इसलिए इस दिन इसे पहनने से बचना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार, मां सरस्वती की पूजा करने से पहले कुछ भी खाना नहीं चाहिए। जब तक पूजा पूरी न हो जाए, तब तक उपवास रहना चाहिए।

इस दिन शुद्ध और सात्त्विक भोजन करना चाहिए। मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए मांस, लहसुन, प्याज और नशीली चीजों से परहेज करना चाहिए। इससे मन और दिमाग भी साफ रहता है।

क्रोध और अहंकार मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु माने जाते हैं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन क्रोध और अहंकार से बचना चाहिए। वरना इससे आपको ही नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

09:31 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी 2025 मंत्र और श्लोक (Basant Panchami 2025)

बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। माता सरस्वती को विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी कहा जाता है। इस दिन आपको कुछ खास मंत्रों और श्लोकों का जाप जरूर करना चाहिए। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के पढ़ें मंत्र और श्लोक

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर करें इन मंत्रों और श्लोकों का जाप, मां सरस्वती होंगी प्रसन्न, हर कार्य में मिलेगी सफलता

08:34 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती आरती (Maa SarawatI Aarti)

जय सरस्वती माता,

मैया जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी,

त्रिभुवन विख्याता ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,

द्युति मंगलकारी ।

सोहे शुभ हंस सवारी,

अतुल तेजधारी ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

बाएं कर में वीणा,

दाएं कर माला ।

शीश मुकुट मणि सोहे,

गल मोतियन माला ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

देवी शरण जो आए,

उनका उद्धार किया ।

पैठी मंथरा दासी,

रावण संहार किया ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,

ज्ञान प्रकाश भरो ।

मोह अज्ञान और तिमिर का,

जग से नाश करो ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

धूप दीप फल मेवा,

माँ स्वीकार करो ।

ज्ञानचक्षु दे माता,

जग निस्तार करो ॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

माँ सरस्वती की आरती,

जो कोई जन गावे ।

हितकारी सुखकारी,

ज्ञान भक्ति पावे ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

जय सरस्वती माता,

जय जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी,

त्रिभुवन विख्याता ॥

08:33 (IST) 2 Feb 2025
सरस्वती के इन नामों से रखें अपने बच्ची का नाम (Basant Panchami 2025)

अगर आप अपनी बच्ची के लिए प्यारा सा नाम ढूंढ रही हैं, तो मां सरस्वती के इन नामों से से खूबसूरत सा नाम ढूंढ सकते हैं। आशवी, दिव्यांगा,वाची, विदुषी, अक्षरा, वागीशा, ज्ञानदा आदि रख सकते हैं।

08:20 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पर बन रहा शुभ योग (Saraswati Mata Puja 2025 Shubh Yog)

इस साल बसंत पंचमी पर काफी शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि, शिव योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही ग्रहों की स्थिति के हिसाब से शश राजयोग, मालव्य राजयोग, नवपंचम राजयोग, धन लक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो रहा है।

08:09 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी 2025 सरस्वती पूजा का समय (Basant Panchami 2025 Saraswati Puja Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी पर सुबह 7 बजकर 10 मिनट से लेकर 9 बजकर 30 मिनट तक के बीच मां सरस्वती की विधिवत पूजा कर सकते हैं।

08:00 (IST) 2 Feb 2025
मां सरस्वती का भोग (Basant Panchami 2025 Saraswati Bhog)

मां सरस्वती को पीले रंग का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके लिए उन्हें बेसन के लड्डू, पीले मीठे चावल, मालपुआ, केसर हलवा और राजभोग अर्पित करें।

07:56 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी की पूजा का महत्‍व (Basant Panchami 2025)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से ज्ञान और धन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले रंग का भोग लगाता शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग देवी को अति प्रिय है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

07:47 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी तिथि 2025 (Basant Panchami 2025 Tithi)

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। क्योंकि 3 फरवरी को सूर्योदय का स्पर्श होते ही पंचमी तिथि समाप्त हो रही है जिससे माघ शुक्ल पंचमी तिथि का क्षय माना जा रहा है।

07:47 (IST) 2 Feb 2025
बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat)

पंचांग के मुताबिक 2 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 8 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस दिन पूजा के लिए लगभग 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।