आज सरस्वती पूजा यानी बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है। वैसे तो पंचमी तिथि बुधवार सुबह 10.46 बजे से ही शुरू हो गई थी जोकि गुरुवार दोपहर 1.20 तक रहेगी। चूंकि सूर्योदय काल में पंचमी तिथि आज ही है इसलिए ज्यादातर लोग शास्त्रसम्मत आज ही मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं। मान्यता है कि वसंत पंचमी एक स्वयंसिद्धि मुहूर्त और अनसूज साया है यानी इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य बिना पंचांग देखे किए जा सकते हैं। इस दिन शादी, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, कारोबार शुरू करने जैसे कोई भी अच्छे कार्य किए जा सकते हैं…

Maa Saraswati Ji Ki Aarti: यहां पढ़े सरस्वती जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

सरस्वती पूजा की विधि (Saraswati Puja Vidhi): बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक साफ पीले कपड़े के ऊपर देवी सरस्वती की प्रतिमा रखें। उसके बाद कलश स्थापित कर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। सरस्वती माता की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आमचन और स्नान कराएं। माता को सफेद या पीले रंग के फूल अर्पित कर उनता पूरा श्रृंगार करें। माता के चरणों पर गुलाल अर्पित करें। प्रसाद के रूप में सरस्वती मां को पीले फल या फिर मौसमी फलों के साथ-साथ बूंदी भी चढ़ाई जाती है। माता को मालपुए और खीर का भोग लगाएं। सरस्वती पूजा के समय पुस्तकें या फिर वाद्ययंत्रों का पूजन भी करें। सरस्वती जी की पूजा के लिए अष्टाक्षर मूल मंत्र “श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा” परम श्रेष्ठतम माना गया है।

सरस्वती माता की आरती (Saraswati Mata ki Aarti)

ओम जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, सदगुण वैभव शालिनी।।
त्रिभुवन विख्याता, जय जय सरस्वती माता।
ओम जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, सदगुण वैभव शालिनी।।
त्रिभुवन विख्याता, जय जय सरस्वती माता।

चन्द्रबदनि पद्मासिनि, कृति मंगलकारी
मैय्या कृति मंगलकारी
सोहे शुभ हंस सवारी, सोहे शुभ हंस सवारी
अतुल तेज धारी
जय जय सरस्वती माता

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला
मैय्या दाएं कर माला
शीश मुकुट मणि सोहे, शीश मुकुट मणि सोहे
गल मोतियन माला
जय जय सरस्वती माता

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया
मैय्या उनका उद्धार किया
बैठी मंथरा दासी, बैठी मंथरा दासी
रावण संहार किया
जय जय सरस्वती माता

विद्यादान प्रदायनि, ज्ञान प्रकाश भरो
जन ज्ञान प्रकाश भरो
मोह अज्ञान की निरखा, मोह अज्ञान की निरखा
जग से नाश करो
जय जय सरस्वती माता

धूप, दीप, फल, मेवा, माँ स्वीकार करो
ओ माँ स्वीकार करो
ज्ञानचक्षु दे माता, ज्ञानचक्षु दे माता
जग निस्तार करो
जय जय सरस्वती माता

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावै
मैय्या जो कोई जन गावै
हितकारी सुखकारी हितकारी सुखकारी
ज्ञान भक्ति पावै
जय जय सरस्वती माता

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता
सदगुण वैभव शालिनी, सदगुण वैभव शालिनी
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता

ओम जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता
सदगुण वैभव शालिनी, सदगुण वैभव शालिनी
त्रिभुवन विख्याता, जय जय सरस्वती माता

सरस्वती पूजा का मुहूर्त (Saraswati Puja Muhurat):
बसंत पञ्चमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – 10:45 ए एम से 12:34 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 49 मिनट्स
बसंत पञ्चमी मध्याह्न का क्षण – 12:34 पी एम
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 29, 2020 को 10:45 ए एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – जनवरी 30, 2020 को 01:19 पी एम बजे

संरस्वती मां की वंदना:
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥

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07:19 (IST)31 Jan 2020
प्रतिमा विसर्जन के लिए ये है शुभ मुहूर्त

मां शारदे की प्रतिमा का विसर्जन आज यानि 31 जनवरी को है। वैसे तो प्रतिमा विसर्जन के लिए मुहूर्त दोपहर 01 बकजर 10 मिनट के बाद का है। लेकिन सबसे शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 10 मिनट का है।

16:03 (IST)30 Jan 2020
छोटे बच्चों के लिए खास है बसंत पंचमी, जानिए कारण

बसंत पंचमी पर बच्चों को लिखने का अभ्यास का आरंभ कराया जाता है। माता-पिता बच्चों को हाथ से लिखना शुरू कराते हैं। इसके लिए माता-पिता बच्चों को अपनी गोद में लेकर बैठते हैं। इसके बाद बच्चों के साथ से गणेश जी को पुष्प समर्पित करवाते हैं। माना जाता है कि इस प्रक्रिया से बच्चों की बुद्धि तेज होती है।

15:15 (IST)30 Jan 2020
जानिए, क्या था मां सरस्वती का रामायण से कनेक्शन

पौरणिक कथाओं के अनुसार, कुंभकर्ण ने देवी सरस्वती से वर पाने के लिए लंबे समय तक तक गोवर्ण नामक स्थान पर तपस्या की थी। कुंभकर्ण की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने जब उसे वर देने के लिए तैयार हुए तो देवताओं ने कहा कि यह तो असुर है। अपनी आसुरी प्रवृति के कारण ये ज्ञान और शक्ति का दुरुपयोग करेगा। इसके बाद कुंभकर्ण की जीभ पर सरस्वती का वास हुआ और उनके प्रभाव से कुंभकर्ण ने ब्रह्मा से कहा- "मैं कई वर्षों तक सोता रहूँ, यही मेरे इच्छा है।" इसका असर रामायण में वर्णित राम और रावण के युद्ध पर भी पड़ा था।

14:30 (IST)30 Jan 2020
तीन राशियों का खास संयोग

इस साल की बसंत पंचमी ज्योतिष दृष्टि से भी खास है। वर्षों बाद इस दिन ग्रह-नक्षत्रों का खास संयोग बन रहा है। दरअसल बसंत पंचमी पर तीन ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे। मंगल, वृश्चिक राशि में, बृहस्पति धनु राशि में और शनि मकर राशि में रहने वाले हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति विवाह सहित अन्य शुभ कार्यों के लिए खास माना गया है।

13:44 (IST)30 Jan 2020
बसंत पंचमी पर आपने तो नहीं कीं ये गलतियां

बसंत पंचमी के दिन गाली-गलौच व झगड़े से बचना चाहिए। बसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना बेहत जरूरी है। बसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिन पीले वस्त्रों को ही तरजीह दें। बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधे नहीं काटने चाहिए।

13:12 (IST)30 Jan 2020
बसंत पंचमी पर भूल से भी न होने पाएं ये काम

बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन किसी से वाद-विवाद या क्रोध नहीं करना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि बसंत पंचमी को कलह होने से पित्रों को कष्ट पहुंचता है। बसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव हो तो आज के दिन स्नान और पूजा के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।

12:14 (IST)30 Jan 2020
करना चाहिए सात्विक भोजन

बसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव हो तो आज के दिन स्नान और पूजा के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।

11:51 (IST)30 Jan 2020
बसंत पंचमी पर काले कपड़े पहनना माना गया है निषेध

बसंत पंचमी को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। आज के दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।

11:25 (IST)30 Jan 2020
बसंत पंचमी के दिन ये कार्य हैं निषेध

बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन किसी से वाद-विवाद या क्रोध नहीं करना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि बसंत पंचमी को कलह होने से पितृों को कष्ट पहुंचता है।

11:02 (IST)30 Jan 2020
कुंभकर्ण की निद्रा का कारण बनीं सरस्वती

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कुंभकर्ण ने देवी सरस्वती से वर पाने के लिए 10 हजार वर्षों तक गोवर्ण नमक स्थान पर घोर तपस्या की थी। कुंभकर्ण की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने जब उसे वर देने के लिए तैयार हुए तो देवताओं ने कहा कि यह तो असुर है। अपनी आसुरी प्रवृति के कारण ये ज्ञान और शक्ति का दुरुपयोग करेगा। इसके बाद कुंभकर्ण की जीभ पर सरस्वती का वास हुआ और उनके प्रभाव से कुंभकर्ण से ब्रह्मा से कहा- "मैं कई वर्षों तक सोता रहूँ, यही मेरे इच्छा है।"

10:35 (IST)30 Jan 2020
बसंत पंचमी पर बच्चों को ऐसे कराया जाता है अक्षर का अभ्यास

बसंत पंचमी के दिन बच्चों को अक्षर के अभ्यास का आरंभ कराया जाता है। बच्चों के माता-पिता उन्हें हाथ से अक्षर लिखना आरंभ कराते हैं। इसके लिए माता-पिता बच्चों को अपनी गोद में लेकर बैठते हैं। इसके बाद बच्चों के साथ से गणेश जी को पुष्प समर्पित करवाते हैं। माना जाता है कि इस प्रक्रिया से बच्चों की बुद्धि तेज होती है।

10:27 (IST)30 Jan 2020
सरस्वती पूजन के बाद ऐसे करें हवन

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा करने बाद मां सरस्वती के नाम से हवन करना आवश्यक माना गया है। हवन के लिए हवन कुण्ड या जमीन पर पर सवा हाथ चारों तरफ नापकर एक निशान बना लेना चाहिए। फिर उस स्थान को कुशा से साफ करके गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें। इसके बाद वहां हवन करें। हवन के दौरान सबसे पहले गणेश जी और फिर नवग्रह के नाम से अग्नि में आहुति दें। इसके बाद सरस्वती माता के नाम से 'ॐ श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा' इस मंत्र से 108 बार हवन करना चाहिए। अंत में हवन के बाद सरस्वती माता की आरती करें।

10:03 (IST)30 Jan 2020
आरती के लिए ये है सामग्री

सरस्वती जी की पूजा के बाद आरती का विधान है। आरती के लिए पीतल धुनुची, नारियल छिलका, धूना, गुग्गुल, कपूर, चन्दन आदि सामग्री प्रमुख हैं। 

09:51 (IST)30 Jan 2020
आदिशक्ति ने खुद को पांच भागों में बांटा था

पौराणिक मान्यता के अनुसार जब ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की, उस समय देवी मां यानी आद्यशक्ति ने खुद को पांच स्वरूपों में बांट रखा था। ये पांच स्वरूप राधा, पद्मा, सावित्रि, दुर्गा और सरस्वती हैं। ये शक्तियां भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न अंगों से प्रकट हुई थी।

09:19 (IST)30 Jan 2020
पूजन के बाद करें माँ सरस्वती की ये आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता,
सद्गुण वैभव शालिनि, त्रिभुवन विख्याता,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!

चंद्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी,
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला,
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!

देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया,
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!

विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो,
मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ,
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!

धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो,
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो,
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता !!

मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे,
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे,
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता !!

08:45 (IST)30 Jan 2020
सरस्वती पूजा मंत्र 

सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा।

08:34 (IST)30 Jan 2020
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामना

08:05 (IST)30 Jan 2020
विद्या दायिनी हंस वाहिनी माँ...

07:43 (IST)30 Jan 2020
श्रीकृष्ण ने की मांसरस्वती की पहली बार पूजा

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करने के पीछे भी पौराणिक कथा है। मान्यता है कि इनकी सबसे पहले पूजा श्रीकृष्ण और ब्रह्माजी ने ही की। कहते हैं कि देवी सरस्वती ने जब श्रीकृष्ण को देखा, तो उनके रूप पर मोहित हो गईं और पति के रूप में पाने की इच्छा करने लगीं। भगवान कृष्ण को इस बात का पता चलने पर उन्होंने कहा कि वे तो राधा के प्रति समर्पित हैं। परंतु सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए श्रीकृष्ण ने वरदान दिया कि प्रत्येक विद्या की इच्छा रखने वाला माघ मास की शुक्ल पंचमी को तुम्हारा पूजन करेगा। यह वरदान देने के बाद स्वयं श्रीकृष्ण ने पहले देवी की पूजा की।

07:18 (IST)30 Jan 2020
आज पूजा के लिए ये है शुभ मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक पंचमी तिथि 29 जनवरी सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर शुरू हो गई है। ऐसे में जो लोग आज सरस्वती पूजा करने जा रहे हैं उनके लिए आज दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक का समय शुभ है।

06:22 (IST)30 Jan 2020
इस दिन सामान्य रूप से क्या क्या करना बहुत अच्छा होगा?

मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्ष भर उसी कलम का प्रयोग करें। – पीले या सफेद वस्त्र जरूर धारण करें, काले रंग से बचाव करें। – केवल सात्विक भोजन करें तथा प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। – आज के दिन पुखराज, और मोती धारण करना लाभकारी होता है। – आज के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगा।

06:21 (IST)30 Jan 2020
इस मंत्र से मिलेगी संगीत या कला के क्षेत्र में सफलता

अगर संगीत या कला के क्षेत्र में सफलता चाहिए – आज केसर अभिमंत्रित करके जीभ पर “ऐं” लिखवायें।

06:11 (IST)30 Jan 2020
क्या करें अगर एकाग्रता की समस्या है?

– आज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें। – बुधवार को मां सरस्वती को सफेद फूल अर्पित किया करें। अगर सुनने या बोलने की समस्या हो – सोने या पीतल के चौकोर टुकड़े पर मां सरस्वती के बीज मंत्र को लिखकर धारण कर सकते हैं। – इसको धारण करने पर मांस मदिरा का प्रयोग न करें।

00:07 (IST)30 Jan 2020
इस वंदना से करें मां सरस्वती की उपासना

हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी, अम्ब विमल मति दे, अम्ब विमल मति दे…जग सिर मौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे, अम्ब विमल मति दे…

22:15 (IST)29 Jan 2020
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा से होते हैं ये लाभ

इस दिन पूजा के समय सरस्वती वंदना, सरस्वती मंत्र और सरस्वती माता की आरती करनी जरूरी है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करके माता की आराधना की जाती है। पूजा के समय सरस्वती वंदना, मंत्र और आरती करने से उसका विशेष फल प्राप्त होता है। माता सरस्वती के आशीर्वाद से व्यक्ति को कला और शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलताएं प्राप्त होती हैं।

21:39 (IST)29 Jan 2020
मूर्ति विसर्जन की विधि

पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।

20:11 (IST)29 Jan 2020
वसंत पंचमी पर मूर्ति स्थापना का मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। ऐसे में पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी बुधवार को दिन में 10:45 बजे से हो रहा है, जो 30 जनवरी गुरुवार को दोपहर 01:19 बजे तक है। ऐसे में आपको मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना बुधवार पंचमी ​तिथि में बुधवार को करें। लेकिन आपको मूर्ति की पूजा गुरुवार को सुबह ही करनी चाहिए क्योंकि उदया काल 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है

19:37 (IST)29 Jan 2020
इस मंत्र से करें मां सरस्वती की अराधना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌ वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥

19:06 (IST)29 Jan 2020
इस साल दो दिन है बसंत पंचमी

साल 2020 इस वर्ष में  दो दिन बसंत पंचमी मनाई जा रही है,  29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से पंचमी शुरू हो जाएगी और 30 जनवरी को दोपहर 1.20 बजे तक पंचमी तिथि रहेगी।

18:26 (IST)29 Jan 2020
वसंत पंचमी के मौके पर काले व नीले कपड़ों का ना करें प्रयोग

इस शुभ अवतर पर काले, नीले कपड़ों को न पूजन में  प्रयोग करें और न ही शरीर पर धारण करें। स्टूडेंट्स इस दिन पूजा करेंगे तो उनकी बुद्धि का विकास होगा। 

17:39 (IST)29 Jan 2020
इस वंदना से करें सरस्वती वंदन

सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा। मां शारदे कहां तू, वीणा बजा रही है। किस मंजु ज्ञान से तू,जग को लुभा रही हैं॥

17:11 (IST)29 Jan 2020
मांगलिक कार्यों के लिए हैं शुभ मुहूर्त

ज्योतिषविदों के अनुसार, इस दिन नींव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार आरम्भ करना, सगाई और विवाह आदि मंगल कार्य किए जा सकते हैं। मान्यता है कि बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त का होता है। 

16:33 (IST)29 Jan 2020
ब्रह्मा जी से हुई सरस्वती की उत्पत्ति

बसंत पंचमी के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने सरस्वती की रचना की थी। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ काल में प्राणियों में स्वर (बोलने की क्षमता) नहीं था। सृष्टि की शांत वातावरण को देखते हुए ब्रह्मा जी के मन में आया कि क्यों न एक ऐसी शक्ति की उत्पत्ति की जाए जिसके द्वारा सृष्टि की सभी प्राणियों में बोलने की क्षमता का विकास हो जाए।

16:03 (IST)29 Jan 2020
नदी में स्नान करना माना जाता है शुभ

माघ शुक्ल पंचमी तिथि बुधवार और गुरुवार 30 जनवरी दोनों दिन है। लेकिन अमलकीर्ति योग और अनफा योग 30 तारीख को है इसलिए इसी दिन मां सरस्वती की पूजा होगी। चूंकि इसी दिन मां का अवतार माना गया है। सरस्वती ब्रह्मा की शक्ति मानी जाती हैं। नदियों की देवी भी कही जाती हैं, इसलिए इसी दिन मां सरस्वती की पूजा होती है।

15:30 (IST)29 Jan 2020
एलओसी के पास स्थित है मां शारदे का मंदिर

एलओसी से महज 10-12 किलोमीटर पर शारदा पीठ स्थित है। यह श्रीनगर से 130 किलोमीटर दूर किशनगंगा नदी के किनारे बना है। शारदा पीठ के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इस स्थान पर सती का दाहिना हाथ यहां गिरा था। यह स्थान मां शारदे को समर्पित माना गया है।

14:28 (IST)29 Jan 2020
ब्रह्मा जी ने की सरस्वती थी उत्पत्ति

बसंत पंचमी के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने सरस्वती की रचना की थी। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ काल में प्राणियों में स्वर (बोलने की क्षमता) नहीं था। सृष्टि की शांत वातावरण को देखते हुए ब्रह्मा जी के मन में आया कि क्यों न एक ऐसी शक्ति की उत्पत्ति की जाए जिसके द्वारा सृष्टि की सभी प्राणियों में बोलने की क्षमता का विकास हो जाए।

13:12 (IST)29 Jan 2020
देवी सरस्वती के द्वारा हुई थी संगीत की उत्पत्ति

मां सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना गया है। संगीत की इनसे उत्पत्ति होने के कारण इन्हें संगीत की देवी के रूप में भी पूजा जाता है।

11:35 (IST)29 Jan 2020
बुद्धिमत्ता को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं इस मंत्र का जाप

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः ।

10:04 (IST)29 Jan 2020
बसंत पंचमी पर बन रहा है ये शुभ संयोग, विद्या आरंभ और शादी के लिए है खास

इस साल की बसंत पंचमी पर खास योग बन रहे हैं। दरअसल सरस्वती पूजा के दिन सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि जैसे दो योग बन रहे हैं। बसंत पंचमी के दिन बनने वाले इन दोनों योगों को विद्या आरंभ, यज्ञोपवीत संस्कार और विवाह के लिए शुभ माना गया है।

09:40 (IST)29 Jan 2020
इस मंत्र से करें देवी सरस्वती की पूजा

ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्। हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में।