Saptahik Vrat Tyohar List 15 To 21 July 2024: जुलाई माह का तीसरा सप्ताह काफी खास होने वाला है। बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के साथ हो रहा है। इसके साथ ही आज भड़ली नवमी का व्रत रखा जा रहा है। इसके अलावा इस सप्ताह कर्क संक्रांति, देवशयनी एकादशी, शुक्र प्रदोष व्रत, कोकिला व्रत से लेकर गुरु पूर्णिमा पड़ रही है।  व्रत त्योहारों के अलावा ग्रहों की स्थिति की बात करें, तो इस सप्ताह सूर्य कर्क राशि में और बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। आइए जानते हैं जुलाई माह के इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में…

भड़ली नवमी, गुप्त नवरात्रि नवमी तिथि (15 जुलाई 2024) (Bhadli Navami 2024)

 आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी के साथ आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि पड़ रही है। भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्तों में से एक माना जाता है। आज के दिन भगवान  विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ बिना मुहूर्त देखें किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कामों को कर सकते हैं। इसे अक्षय तृतीया जैसे ही शुभ माना जाता है। बता दें कि इसके दो दिन बाद से चातुर्मास आरंभ हो जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु अगले चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में शुभ और मांगलिक कार्य के लिए भड़ली नवमी शुभ मानी जाती है।

कर्क संक्रांति (16 जुलाई 2024) (Kark Sankranti 2024)

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,जब ग्रहों के राजा राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसे संक्रांतिकहा जाता है और जिस राशि में कर रहे वो आगे जुड़ जाता है। बता दें कि सूर्य 16 जुलाई को कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में इस दिन कर्क संक्रांति है। सूर्य के कर्क राशि में जाने से देश-दुनिया पर काफी असर पड़ेगा। इसके साथ ही इस दिन स्नान-दान के साथ-साथ सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

 देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी (17 जुलाई 2024) (Devshayni Ekadashi 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु सृष्टि के संचार का कार्यभार भगवान शिव को सौंप कर अगले 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं।  इसके साथ ही मांगलिक और शुभ कामों में ब्रेक लग जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से हर बाधा दूर होती है। इसके साथ ही जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

शुक्र प्रदोष व्रत (19 जुलाई 2024 ) (Shukra Pradosh Vrat 2024)

हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होने के साथ संतान सुख प्राप्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को शुक्र प्रदोष व्रत पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है।

जया पार्वती व्रत (19 जुलाई 2024) (Jai Parvati Vrat 2024)

पंचांग के अनुसार,आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को जया पार्वती व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती है।

कोकिला व्रत (20 जुलाई 2023) (Kokila Vrat 2024)

आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन कोकिला व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए शिव-पार्वती की पूजा करती है। इसके साथ ही मान्यता है कि जिन कुंवारी कन्याओं के विवाह में अड़चनें आ रही है, तो वह इस दिन व्रत रखकर मनचाहा वर पा सकती हैं।  

 गुरु पूर्णिमा (21 जुलाई 2024) (Guru Purnima 2024)

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस साल गुरु पूर्णिमा को दो दिन तिथि होने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पंचांग के अनुसार,20 जुलाई 2024 को शाम 5 बजकर 59 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी. जो 21 जुलाई दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब को 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ गुरु की पूजा करना शुभ माना जाता है।