Saphala Ekadashi 2024 Shubh Muhurat Puja Vidhi: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी हर मास कृष्ण और शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इस हिसाब से साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है और हर एक एकादशी का अपना-अपना महत्व है। ऐसे ही साल की आखिरी एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर क्षेत्र में अपार सफलता के साथ-साथ खूब धन लाभ होता है। इस दिन जो भी मनोकामना होती है उसे कहने से वह जरूर पूर्ण होती है। आइए जानते हैं सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र सहित अन्य जानकारी…
Vishnu Ji Ki Aarti: विष्णु जी की आरती, ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे
सफला एकादशी 2024 तिथि
पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो गई थी, जो आज रात 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। ऐसे में सफला एकादशी का व्रत आज रखा जा रहा है। आज स्वाति नक्षत्र शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। बता दें कि एकादशी गुरुवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में इस दिन पूजा करने और व्रत रखने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति हो सकती है।
सफला एकादशी 2024 पारण का समय (Saphala Ekadashi 2024 Paran Time)
27 दिसंबर 2024 को सुबह 7:10 बजे से सुबह 9:17 बजे तक
सफला एकादशी पूजा विधि (Saphala Ekadashi 2024 Puja Vidhi)
आज ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद श्री हरि विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प ले लें। इसके बाद विष्णु जी की पूजा आरंभ करें। सबसे पहले एक चौकी में पीला रंग का वस्त्र बिछाकर विष्णु जी की मूर्ति या फिर तस्वीर रख लें। इसके बाद फूल, माला, पीला चंदन, अक्षत, भोग आदि लगा लें और फिर घी का दीपक और धूप जलाकर विष्णु चालीसा, विष्णु मंत्र के साथ व्रत कथा का पाठ कर लें। अंत में विष्णु जी की आरती कर लें। दिनभर व्रत रखने के बाद द्वादशी तिथि को व्रत का पारण कर लें।
सफला एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप (Saphala Ekadashi 2024 Mantra)
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः
ॐ नमो नारायणाय
लक्ष्मी विनायक मंत्र –
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
धन-वैभव मंत्र
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
साल 2025 में शनिदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में कई राशियों को शनि साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। लेकिन इन तीन राशियों में शनि लोहे के पाये से प्रवेश करेंगे। लेकिन इनको भी लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। जानिए इसमें आपकी राशि शामिल है कि नहीं
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