Saphala Ekadashi 2021 Date-  सर्वमनोकामना सिद्धि व्रत सफला एकादशी 9 जनवरी, शनिवार को है। हिंदी पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को हो सफला एकादशी कहते हैं। इसे पौष एकादशी भी कहा जाता है। भगवान विष्णु की आराधना के इस व्रत को करने से सभी जीवन की सभी बाधाएं दूर होती है और सफलता मिलती है।

क्या है इस व्रत को करने की मान्यता- इस दिन व्रत रखने की ये मान्यता है कि जो लोग शुद्ध मन से भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और विधिवत व्रत रखते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। पद्म पुराण के अनुसार, जो लोग सफल एकादशी का व्रत रखते हैं उनके सभी बुरे कर्म राजा महिष्मान के बड़े बेटे लुम्पक के बुरे कृत्यों की तरह ही नष्ट है जाते हैं। इस व्रत को करने से उन्हें अच्छे आचरण और सद्गुणों की प्राप्ति होती है।

मुहूर्त- एकादशी तिथि का आरंभ- 8 जनवरी, रात्रि 9 बजकर 40 मिनट से (शुक्रवार)

एकादशी तिथि समाप्ति- 9 जनवरी, रात्रि 7 बजकर 15 मिनट तक (शनिवार)

पारण का समय- 10 जनवरी, सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर 21 मिनट तक।

पूजा विधि (Saphala Ekadashi Puja Vidhi)- सफला एकादशी की पूजा भी अन्य एकादशी की तरह ही होती है। सुबह उठने के बाद स्नान करें। फिर गंगाजल का घर में छिड़काव करें और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। तुलसी पत्ते, अगरबत्ती, सुपारी, नारियल और फलों से भगवान विष्णु को भोग लगाएं।

सफला एकदशी के व्रत की कथा पढ़ें। ध्यान रखें कि विष्णु जी के साथ इस दिन भगवान कृष्ण जी की पूजा भी की जाती है। इस दिन कुछ लोग अपने घर पर सत्यनारायण भगवान की कथा भी रखते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।