संकष्टी चतुर्थी को संकटहारा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। संकष्टी चतुर्थी हिंदू पंचाग के अनुसार प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थ तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण माना जाता है। तमिलनाडु में संकष्टी को संकटहारा चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार एक वर्ष में 13 संकष्टी के व्रत किए जाते हैं और उनमें से दो संकष्टी मंगलवार के दिन होती हैं उन्हें अंगारकी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा वैदिक मंत्रों द्वारा की जाती है। संकष्टी के दिन चांद की रौशनी पड़ने पर गणपति के अथर्वाशेष पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन लोग सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत करते हैं।

संकष्टी के दिन व्रत करने वाले लोगों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि के पश्चात भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए। भगवान गणेश के लिए व्रत करते हुए ध्यान रखें कि व्रत करने वाला व्यक्ति लाल वस्त्रों का धारण करें। इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति या पोस्टर पूर्व या उत्तर दिशा में लगाकर उसी ओर मुख करके भगवान का पूजन करें। पंचामृत से गणेश जी को स्नान कराएं और विधि के साथ उनका पूजन करें। भगवान गणेश को भोग लगाने के लिए तिल से बनी वस्तुओं का प्रसाद बनाएं। इसके बाद शाम को चांद निकलने के बाद कथा का पाठ करके ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही खुद भोजन करें। इस दिन के व्रत में चांद की पूजा की पूजा की जाती है।

5 जनवरी 2018 को संकष्टी चतुर्थी के दिन चांद निकलने का समय भारते में इस अनुसार रहेगा। जिससे शुभ मुहूर्त में पूजा करके अपने पूरे दिन किए गए व्रत का आप फल पा सकते हैं।
दिल्ली- रात 9 बजकर 24 मिनट
मुंबई- 9 बजकर 21 मिनट
लखनऊ- रात 9 बजकर 22 मिनट
नोएडा- रात 9 बजकर 25 मिनट
गुड़गांव- रात 9 बजकर 24 मिनट