Samudrik Shastra/ Samudra Shastra on Smile : सामुद्रिक शास्त्र शरीर की बनावट का अध्ययन करते हुए यह बताता है कि व्यक्ति का स्वभाव या व्यवहार कैसा होगा। इस शास्त्र में जहां एक ओर तिल और मस्सों का हमारे स्वभाव से संबंध बताया जाता है वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की मुस्कान (Smile Meaning) से यह समझा जा सकता है कि वह व्यक्ति किस तरह की मानसिक स्थिति में हैं। कहते हैं कि मुस्कान किसी भी व्यक्ति के दिल का राज खोल सकती है।

नहीं महसूस कर पाते खुशी – सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि जिन लोगों के होंठों के कोने यानी होंठों का अंत हमेशा नीचे की ओर रहता है ऐसे लोग कभी खुशी महसूस नहीं कर पाते हैं। इस शास्त्र में ऐसे लोगों के बारे में भी बताया गया है जिनके होंठों के कोने मुस्कुराते हुए भी नीचे की ओर झुके रहते हैं। माना जाता है कि ऐसे लोगों के मन में अकेलापन रहता है। यह लोग ज्यादातर समय उदास होकर बिताते हैं। इन्हें अपने जीवन में सच्चे हमसफर की तलाश रहती है।

ऐसे लोग होते हैं मस्तमौला – समुद्र शास्त्र (Ang Shastra) मानता है कि जिन लोगों के होंठों के कोने ऊपर की ओर उठे रहते हैं वह लोग बहुत खुश मिजाज होते हैं। ऐसे लोग अभाव में जीवन व्यतीत करने के बावजूद भी मस्तमौला रवैया अपनाते हैं। जीवन के प्रति सकारात्मक रहने वाले यह लोग बहुत मुश्किल से सच्चा प्यार पाते हैं। इन लोगों के स्वभाव की विशेषताएं यह है कि उदास होने के बावजूद भी यह किसी को भी महसूस नहीं होने देते हैं कि यह उदास हैं।

जिनके मुस्कुराते हुए दिखते हैं दांत – सामुद्रिक शास्त्र यह मानता है कि जिन लोगों के मुस्कुराते समय दांत दिखाई देते हैं वह बहुत ईमानदार होते हैं। इन लोगों के मन में बचपना भरा होता है। यह लोग बहुत जज्बाती होते हैं। ऐसे लोग यह मानते हैं कि जीवन की कठिन परिस्थितियों को अपने सकारात्मक रवैया के साथ देखते हुए आसानी से पार किया जा सकता है। यह लोग समाज की परवाह नहीं करते हैं। इन्हें बस अपनी और अपने परिवार की खुशी से मतलब होता है।