Samudrik Shastra : सामुद्रिक शास्त्र में कहा जाता है कि शरीर के हर एक तिल का एक खास मतलब होता है। शरीर के अलग-अलग अंगों की तारा माथे पर तिल होना अद्भुत माना जाता है। कहते हैं कि बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिनके माथे पर तिल होता है। माना जाता है कि यह तिल सिर्फ सौभाग्यशाली लोगों के माथे पर ही होता है। सामुद्रिक शास्त्र के जानकारों का मानना है कि माथे के अलग-अलग हिस्से पर तिल का मतलब भी अलग होता है।
माथे के दाहिनीं ओर तिल – जिन लोगों के माथे के दाहिनीं और दिल होता है ऐसे लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं। इन्हें जीवन में बहुत जल्द शीघ्रता मिल जाती है। इन लोगों को कामयाबी हासिल करना बहुत कठिन काम नहीं लगता है। यह लोग सभी परिवारिक सुख प्राप्त करते हैं। लेकिन ऐसे लोगों को जीवन में कभी सच्चा प्रेम नहीं मिल पाता है। इन लोगों को धोखे से डर लगता है।
माथे पर बाएं ओर तिल – सामुद्रिक शास्त्र यह मानता है कि जिन लोगों के माथे के बाएं ओर तिल होता है उन लोगों का स्वभाव बहुत शांत होता है। ऐसे लोगों को जीवन में सफलता हासिल करने के लिए कठिन मेहनत करनी पड़ती है। इन लोगों का मानना होता है कि जिंदगी को मुस्कुराकर बिताना चाहिए। ऐसे लोगों के पास बहुत अधिक भूमि होती है। इन्हें जीवन में कई बार प्रेम होता है।
माथे के ऊपरी ओर तिल – माथे के ऊपरी तिल होने से व्यक्ति को दैवीय शक्तियां प्राप्त होती हैं। ऐसे लोगों के बहुत से मित्र होते हैं। इन्हें बहुत अधिक परिवारिक सुख नहीं मिल पाता है। ऐसे लोग अपने करियर में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। लेकिन वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए इन्हें जीवन के कई साल इंतजार करना पड़ता है।
माथे पर निचली ओर तिल – कहते हैं कि जिन लोगों के माथे के निचली ओर तिल होता है वह लोग बहुत भावुक होते हैं। इन्हें जीवन में सफलता हासिल होती है। माता-पिता से बहुत अधिक प्रेम मिलता है। इनकी कोशिश होती है कि सच्चा प्रेम मिले लेकिन यह इसमें विफल हो जाते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत होती है।
माथे के बीच में तिल – जिन लोगों के माथे के बीचो बीच तिल होता है बहुत भाग्यशाली होते हैं। इन्हें पारिवारिक सुख, दांपत्य सुख, भूमि सुख मिलता है। लेकिन इनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। ऐसे लोगों को मानसिक तनाव रहता है। लेकिन इनका आर्थिक पक्ष बहुत मजबूत होता है। ऐसे लोगों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ पैसा भी बढ़ता चला जाता है।