Samudrik Shastra for Eyes: सामुद्रिक शास्त्र में यह बताया गया है कि शरीर के अंगों के अनुसार व्यक्ति का व्यक्तित्व जाना जा सकता है। कहते हैं कि शरीर के अंगों की बनावट व्यक्ति के राज बताने में सक्षम हैं। इस शास्त्र की रचना ऋषि समुद्र ने की थी, इसलिए इस शास्त्र को समुद्र शास्त्र के नाम से भी जाना जाता है।
कई लोग ऋषि समुद्र के नाम से जोड़ते हुए इसे सामुद्रिक शास्त्र भी कहते हैं। इस शास्त्र में आंखों के आकार के बारे में भी बात की गई है। सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों का मानना है कि आंखें व्यक्ति के जीवन के सभी राज बताने में सक्षम हैं। बताया जाता है कि आंखों की बनावट से व्यक्ति के बारे में कई बातें जानी जा सकती हैं।
मोटी आंखें – सामुद्रिक शास्त्र के विद्वान मानते हैं कि जिन लोगों की आंखें मोटी होती हैं, उन्हें लोगों से बहुत अधिक जुड़ाव महसूस नहीं हो पाता है। कहते हैं कि ऐसे लोग बहुत कम भावनात्मक होते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर अपने हित से जुड़ी बातें करना अच्छा लगता है। ऐसे लोग खुशमिजाज नहीं होते हैं। इनके मन में स्वार्थ रहता है। इनकी कोशिश रहती है कि यह हर तरीके से अपना स्वार्थ पूरा कर लें।
कम खुलने वाली आंखें – कहते हैं कि जिन लोगों की आंखें कम खुलती हैं उनका मन बहुत अच्छा होता है। ऐसे लोग बहुत दयालु होते हैं। इनके मन में दूसरों के प्रति बहुत प्रेम रहता है। इन लोगों की कोशिश रहती है कि यह किसी का मन न दुखाएं। ऐसे लोग खुद उदास रहकर भी दूसरों को खुश करने की कोशिश करने में लगे रहते हैं। यह बहुत भावनात्मक होते हैं। साथ ही इनके मन में स्वार्थ नहीं रहता है।
ऊपर की ओर उठीं हुई आंखें – कुछ लोगों की आंखें पीछे की ओर से ऊपर की ओर उठी रहती हैं, कहते हैं कि ऐसे लोग बहुत बुद्धिमान नहीं होते हैं। लेकिन ऐसे लोगों को रि्श्ते निभाने की बहुत समझ होती है। यह सबके पसंदीदा होते हैं। स्पष्टवादी होने के साथ ही इन्हें खुशमिजाज होने के लिए भी जाना जाता है। कहते हैं कि ऐसे लोगों के मन में किसी के लिए बुरे ख्याल नहीं आते हैं।