Samudrik Shastra: कई बार हम बैठे-बैठे अचानक महसूस करते हैं कि हमारे शरीर का कोई हिस्सा फड़क रहा है। कभी आंख फड़कती है, तो कभी कंधा, हथेली या फिर सिर। कुछ लोग इसे सामान्य मानते हैं, जबकि कुछ इसे भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत समझते हैं। आपको बता दें कि ज्योतिष और समुद्र शास्त्र के अनुसार, शरीर के कुछ खास हिस्सों का फड़कना शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं समुद्र शास्त्र के अनुसार किन अंगों का फड़कना क्या संकेत देता है?
कंधे फड़कने का मतलब
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, अगर आपका दायां कंधा फड़क रहा है, तो इसका मतलब है कि आपको जल्द ही अच्छा पैसा मिलने वाला है। यह धन लाभ और तरक्की का शुभ संकेत माना जाता है। वहीं, अगर आपका बायां कंधा फड़क रहा है तो समझें कि आपको अपने काम में बड़ी सफलता मिलने वाली है। लेकिन अगर दोनों कंधे एक साथ फड़कते हैं, तो यह किसी बड़े झगड़े या विवाद की ओर इशारा करता है।
हथेली और कमर फड़कने के संकेत
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, अगर आपकी हथेली फड़क रही है, तो समझ लीजिए कि आपको जल्द ही धन की प्राप्ति होने वाली है। यह बेहद शुभ शकुन माना जाता है। इसी तरह, अगर कमर का सीधा हिस्सा फड़कता है, तो यह इस बात का संकेत है कि आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आपको किसी बड़े फायदे की संभावना है।
सिर और पेट फड़कने का संकेत
अगर सिर के दाईं ओर फड़कन महसूस हो रही है, तो यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आपको प्रमोशन मिल सकता है, किसी प्रतियोगिता में जीत हासिल हो सकती है या फिर किसी सरकारी काम में सफलता मिल सकती है। इसके अलावा, अगर पेट के दाएं हिस्से में फड़कन हो रही है, तो यह घर में धन, सुख और खुशहाली आने का संकेत देता है।
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