हिंदू धर्म में समुद्र शास्त्र का खास महत्व है। समुद्र शास्त्र में व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट के आधार पर काफी कुछ बताया है। इसके मुताबिक शरीर के अलग-अलग अंगों से किसी व्यक्ति की आर्थिक, सामाजिक और अन्य स्थितियों का पता लगाया जा सकता है। समुद्र शास्त्र में कान के बारे में भी काफी विस्तार से उल्लेख किया गया है। समुद्र शास्त्र की मानें तो कान से कई शकुन और अपशकुन जुड़े हुए हैं। आज हम आपको ऐसे ही पांच शकुन और अपशकुन के बारे में बता रहे हैं।
1. बाएं कान का फड़कना शकुन माना जाता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार, इस स्थिति में व्यक्ति को कोई शुभ समाचार मिलने वाला होता है। व्यक्ति की मेहनत रंग लाने वाली होती है।
2. समुद्र शास्त्र में दाएं कान का फड़कना भी शकुन माना गया है। कहते हैं कि यह किसी बड़े कद वाले व्यक्ति से मुलाकात का संकेत है। उस व्यक्ति से मिलकर आपको कई लाभ हासिल हो सकते हैं।
3. कई बार कान के पीछे का हिस्सा फड़कने लगता है। सामुद्रिक शास्त्र में इसे अपशकुन माना गया है। कहते हैं कि इस स्थिति में दोस्तों से आपका अपमान होने वाला होता है।
4. बाएं कान के सामने वाले हिस्से पर तिल का होना अपशकुन माना जाता है। समुद्र शास्त्र के मुताबिक, ऐसे लोगों को जीवनसाथी बड़ी मुश्किल से मिलता है। इन्हें अकेले रहने की आदत हो जाती है।
5. समुद्र शास्त्र की मानें तो बाएं कान के पीछे तिल होना अपशकुन है। माना जाता है कि ऐसे लोग धन के लोभी होते हैं। इन्हें सच्चा दोस्त बड़ी मुश्किल से मिलता है।
