Sade Sati Ke Upay : शनिदेव को न्याय देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। कई बार राशि में शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या की वजह से शनि देव के प्रकोप को सहना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि शनि देव बहुत दयालु हैं। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से उनकी पूजा करता है वह उसे नकारात्मक प्रभावों से बचा लेते हैं।

साढ़े साती के उपाय (Sade Sati Ke Upay/ Shani Sade Sati Ke Upay)
हनुमान जी के मंदिर जाकर उन्हें चमेली का तेल लगाएं। फिर उनके सामने बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें। शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि वह उनकी भक्ति करने वाले व्यक्ति पर कृपा करेंगे। इसलिए शनिवार की शाम (Shanivaar Ke Upay/ Shaniwaar Ke Upay) यह उपाय जरूर करें।

एक कटोरी में सरसों का तेल डालें। फिर उसमें अपनी छवि देखें। छवि देखने के बाद उसमें काले तिल और लौहे की कील डालें। फिर शनिदेव के मंदिर जाकर इस कटोरी को हाथ में लेकर ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का 108 बार जाप कर कटोरी समेत वो तेल मंदिर में रख आएं।

पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं। वहीं दीप जलाकर शनि देव का ध्यान करें। साथ ही ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का 108 बार जाप करते हुए काले तिल चढ़ाएं। यह उपाय बहुत कारगर है।

हर शनिवार कुष्ठरोगी को काले रंग का पेय पदार्थ या काले वस्त्र बांटें। संभव हो तो उन्हें एक दिन का भोजन भी दान करें। मान्यता है कि जो व्यक्ति असहाय लोगों की सेवा करता है शनि देव उससे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं।

शनिवार की शाम चमड़े की काले रंग की चप्पल किसी गरीब को दान करें। समर्थ हो तो ज्यादा लोगों को भी दान कर सकते हैं। साढ़े साती के उपायों में यह उपाय बहुत कारगर है।

शनिवार के दिन ढलने के बाद काले रंग का कपड़ा बिछाकर एक चौकी पर शनि देव की फोटो रखकर सरसों का दीप जलाएं। शनि देव की छवि का ध्यान करते हुए ‘समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम, छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम’ मंत्र का जाप करें।