Sabrimala Temple Mandala Puja And Case In Hindi: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किमी की दूरी पर मौजूद सबरीमाला मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर विवाद चल रहा है। हाईकोर्ट ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। लेकिन इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच अभी कोई फैसला नहीं ले पाई जिस कारण ये मामला अब 7 जजों की बेंच को सुपूर्द कर दिया गया है। इस मंदिर में भगवान अयप्पा विराजमान हैं। इस मंदिर का खास उत्सव ‘मंडलम’ 17 नवंबर से शुरु होने जा रहा है। जिसे देखने के लिए दूर दूर से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। जानिए क्यों खास है यह पर्व…
कब होती है मंडला पूजा? ये पूजा धनु मास के समय यानी जब सूर्य धनु राशि में होता है। उसके 11वें या 12वें दिन होती है। लेकिन इसकी तैयारियां पहले से 41 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। इस व्रत की शुरुआत मलयालम कैलेंडर के अनुसार जब सूर्य वृश्चिक राशि में होता है तब से हो जाती है। 17 नवंबर को ही सूर्य वृश्चिक राशि में जा रहा है। सबरीमाला अयप्पा मंदिर में एक मंडला पूजा और दूसरा विलल्कू पर्व ये दोनों ही ऐसे उत्सव है जब मंदिर ज्यादा दिनों तक के लिए खोला जाता है।
सबरीमाला मंदिर का इतिहास: ये मंदिर दुनिया के बड़े तीर्थों में आता है। जहां हर साल करोड़ों संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। आम मंदिरों की तरह ये मंदिर हर समय दर्शन के लिए नहीं खुला रहता है। कुछ कुछ अवधि के लिए इस मंदिर को खोला जाता है। इस मंदिर के नाम को लेकर पौराणिक कथा है कि भगवान राम को जूठे बेर खिलाने वाली सबरी के नाम पर ही इस मंदिर का नाम सबरीमाला रखा गया। समुद्रतल से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में विराजमान भगवान अयप्पा को लेकर धार्मिक मान्यता है कि ये भगवान शिव और भगवान विष्णु के स्वरूप मोहिनी की संतान हैं। ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भोलेनाथ भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर मोहित हो गए थे और इसी के प्रभाव से एक बच्चे का जन्म हुआ। इनका पालन 12 सालों तक राजा राजशेखरा ने किया। भगवान अयप्पा ने ही राक्षसी महिषि का वध किया था।
करेल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से करीब 175 किलोमीटर की दूर स्थित है पंपा क्षेत्र। पंपा से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर लंबी पर्वत श्रृंखला और घने वन हैं। इसी वन क्षेत्र में स्थित है सबरीमाला मंदिर। यह पत्तनमत्तिट्टा जिले के अंतर्गत आता है। पंपा से सबरीमाला मंदिर तक पैदल यात्रा करनी होती है।
सबरीमाला मंदिर समुद्रतल से लगभग 1000 मीटर ऊचाई पर स्थित है जिसमें स्थित भगवान अयप्पा को लेकर धार्मिक मान्यता है कि ये ये भगवान शिव और भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की संतान है। इसमें एक कथा है कि समुद्र मंथन के दौरान भोलेनाथ भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर मोहित हुए इसी के प्रभाव से एक बच्चे का जन्म हुआ। जिसका पालन 12 सालों तक राजा राजशेखरा ने किया था और वे भगवान अयप्पा बने। इन्होंने ही राक्षसी महिषी का बध किया था।
मंडला पूजा के दौरान भक्त तुलसी या रूद्राक्ष की माला पहनते हैं जो भगवान अयप्पा को प्रिय है। चंदन का लेप लगाते हैं। 41 दिनों तक चलने वाली इस महापूजा के दौरान भक्त मन और तन की पवित्रता का पूरा ध्यान रखते हैं। इस पूजा में भगवान गणेशजी का आव्हान किया जाता है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं। कुछ भक्त ये महापूजा मकर संक्रांति तक भी करते हैं।