Rishi Panchami 2022: हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन 7 ऋषियों की पूजा का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत हर साल गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है। इस साल ऋषि पंचमी का व्रत 1 सितबंर को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं ऋषि पंचमी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि…
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 31 अगस्त 2022 को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट से आरंभ होगी और इसका समापन 01 सितंबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 50 मिनट पर होगा। वहीं ऋषि पंचमी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 1 सितंबर 2022 गुरुवार को सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इसके बाद षष्ठी लग जाएगी।
जानिए पूजा- विधि
ऋषि पंचमी के दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। वहीं अगर गंगा स्नान नहीं कर पाएं तो घर पर थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। वहीं ऋषि पंचमी के दिन दोपहर के समय सप्त ऋषियों- मरीचि, वशिष्ठ, अंगिरा, अत्रि, पुलत्स्य, पुलह और क्रतु:की पूजा करने का विधान है। इस दिन महिलाओं को सुबह जल्दी स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। साथ ही इसके बाद पूजा की चौकी पर एक पीला कपड़ा बिछाएं। पूजा की चौकी में हल्दी, कुमकुम से चौकोर मंडल बनाएं। इसके बाद सप्तऋषि की स्थापना करें। सप्तऋषियों को फल और फूल अर्पित करें। फिर धूप-दीप जलाकर सप्तऋषियों की आरती करें। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से रजस्वला दोष से मुक्ति हो जाती हैं।
ऋषि पंचमी पूजन के बाद केला, घी, चीनी व दक्षिणा रखकर ब्राह्मण को दान किया जाता है। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही दिन में एक बार भोजन किया जाता है। इसमें दूध, दही, चीनी और अनाज कुछ भी नहीं खाए जाते हैं। फल और मेवे के सेवन किया जा सकता है। वहीं जो लोग ऋषि पंचमी का उद्दापन करते हैं उनके लिए अलग से विधान है।
ऋषि पंचमी पर इस मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है-
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।
गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।
