विष्णु जी से जुड़े कई प्रसंग बड़े ही प्रसिद्ध हैं। इन प्रसंगों का आए दिन कहा-सुना जाता रहता है। आज हम भी आपके लिए एक बड़ा ही रोचक प्रसंग लेकर आए हैं। इस प्रंसग में उस घटनाक्रम का उल्लेख किया गया है जब विष्णु जी ने ब्रह्मा जी की जान बचाई थी। ब्रम्हा को इस सृष्टि का रचयिता कहा जाता है। एक बार दो राक्षस ब्रह्मा जी की जान के पीछे पड़ गए। ब्रह्मा जी अपनी जान बचाते हुए विष्णु जी के पास मदद के लिए आए। ब्रह्मा ने कहा कि प्रभु आप मेरी रक्षा कीजिए। दो राक्षस मेरी जान लेना चाहते हैं। यदि आप मेरी रक्षा नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा। विष्णु जी ब्रह्मा की मदद करने के लिए तुरंत तैयार हो गए।
विष्णु जी ने इसके लिए अपने उस रूप को धारण किया जिसे इस सृष्टि का रक्षक कहा गया है। ब्रह्मा जी विष्णु के इस आकर्षक रूप को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए। विष्णु जब अपने इस नए रूप में राक्षस के पास गए तो उन्हें भी काफी हैरानी है। राक्षस पूछने लगे कि यह कौन है? इस ब्रह्मा जी ने बताया कि ये परमात्मा का स्वरूप हैं। यह सुनकर दोनों राक्षस हंसने लगे। और विष्णु जी से युद्ध शुरू कर दिया।
विष्णु जी को इन दो राक्षसों को परास्त करने में दिक्कत आ रही थी। इस पर ब्रह्मा जी ने परब्रह्म से प्रार्थना की कि वे अपने शिव रूप को प्रकट करें। शिव के आने से विष्णु जी की शक्तियां बढ़ गईं। और उन्हें दो राक्षसों का वध करने का तरीका मालूम हो गया। विष्णु जी ने उन दोनों राक्षसों को अपनी हथेली पर उठा लिया। यह देखकर राक्षसों को भी इस बात का अंदाजा हो गया कि उनकी मौत भगवान के हाथों हो रही है। इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। ऐसा ही हुआ। इस प्रकार से विष्णु जी ने ब्रह्मा की जान बचाई।