रक्षाबंधन का त्योहार भाई- बहन के अटूट प्रेम का त्योहार होता है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को शुरू हो रही है और 12 अगस्त सुबह तक रहेगी।

लेकिन इस त्योहार पर उन लोगों के सामने बहुत बड़ी दुविधा खड़ी हो जाती है। जिनके घर पर सूतक लगे हुए होते हैं। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।  लेकिन सूतक के दौरान भी आप राखी का त्योहार मनाना चाहें तो कुछ नियमों का पालन जरूर करें। इससे आप सूतक की मर्यादा का भी पालन कर पाएंगे और रक्षाबंधन का त्योहार भी आपसे छूटेगा नहीं।

क्या और कितने दिन के लगते हैं सूतक

शास्त्रों के अनुसार सूतक काल वो समय होता है। जिसमें कई धार्मिक और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल 3 ही परिस्थिति में माना जाता है जिसमें या किसी बच्चे का जन्म या किसी मृत्यु हो या फिर सूर्य, चंद्र ग्रहण पड़ रहा हो। आपको बता दें कि जब परिवार में किसी भी बच्चे का जन्म होता है तो जन्म के सूतक लगते हैं।  घर में बच्चे का जन्म और किसी की मृत्यु  होने पर 12 दिनों का सूतक लगता है।सूतक के दौरान पूजा पाठ और धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। अगर रक्षाबंधन के दिन से 12 दिनों के अंदर परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु हुआ हो तो सूतक का दोष माना जाएगा।

ऐसे मना सकते हैं सूतक में राखी का पर्व
सूतक काल में भाई- बहन राखी का त्योहर मना सकते हैं। लेकिन इसमें कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है। जिसमें धार्मिक रीतियों को शामिल नहीं करना होगा। मतलब बहनें भाई की कलाई पर राखी तो बांध सकती हैं। लेकिन तिलक नहीं लगाएं। मतलब माथे को सूना छोड़ सकती हैं। भाई की आरती भी न करें। साथ ही भाई भी इस समय चरण स्पर्श नहीं करें। इसलिए हाथ जोड़कर ही प्रणाम करें। भाई या बहन जो भी छोटे हैं वह प्रणाम करें और बड़े आशीर्वाद दें। इस समय बहन को कोई गिप्ट भी नहीं दे। साथ ही बहन भी मिठाई नहीं खिलाएं। इस तरह से आप सूतक काल का पालन करते हुए राखी का त्योहार मना सकते हैं।