Rang Panchami 2025 Date: हिंदू धर्म में रंग पंचमी का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह त्योहार होली के पांच दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन रंग और गुलाल उड़ाने की परंपरा है, लेकिन इसका महत्व सिर्फ रंग खेलने तक सीमित नहीं है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं को रंग अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। वहीं पौराणिक कथा के अनुसार, रंग पंचमी के दिन देवी-देवता धरती पर आकर होली खेलते हैं। रंग पंचमी को देव पंचमी और श्री पंचमी भी कहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल कब मनाई जाएगी रंग पंचमी। साथ ही, जानिए शुभ मुहूर्त का शुभ मुहूर्त, महत्व और मंत्र के बारे में।
रंग पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 18 मार्च की रात 10:09 बजे से शुरू होकर 20 मार्च की रात 12:37 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म में त्योहारों को उदया तिथि के अनुसार मनाने की परंपरा है, इसलिए रंग पंचमी का पर्व 19 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन ब्रज भूमि समेत पूरे देश में रंगों का उत्सव होगा।
रंग पंचमी का धार्मिक महत्व
रंग पंचमी को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और स्वर्ग से देवी-देवताओं ने पुष्प वर्षा की थी। यही कारण है कि इस दिन अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन रंग खेलने से दैवीय शक्तियां प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं, रंग पंचमी के दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-वैभव की वृद्धि होती है।
रंग पंचमी पर करें इन मंत्रों का जाप
- ओम ऐं ह्रीं श्रीं नमो भगवते राधाप्रियाय राधारमणाय गोपीजनवल्लभाय ममाभीष्टं पूरय पूरय हुं फट् स्वाहा।
- श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय नमः’ ओम कृष्णाय वद्महे दामोगराय धीमहि तन्नः कृष्ण प्रचोदयात्।
- ओम प्रेमधनरूपिण्यै प्रेमप्रदायिन्यै श्रीराधायै स्वाहा।
- देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते! देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:!!’
- ओम् क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा।’
- ॐ श्रीं श्रीये नमः
यह भी पढ़ें…
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।