रमजान का महीना चल रहा है। यह महीना मुस्लिम समुदाय का सबसे पाक महीना माना जाता है। इन दिनों में मुस्लिम लोग भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं। इबादतगुजार इबादत के परंपरागत तरीकों के साथ-साथ नई-नई तकनीकों का भी प्रयोग कर रहे हैं। इन नई तकनीकों के जानकर युवा इस काम में बुजुर्गों की मदद कर रहे हैं। रमजान के महीने में जहां मस्जिदें रोजेदार और नमाजियों से पूरे तरीके से भरी रहती हैं तो वहीं युवा इबादत करने के लिए हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल करने लगे हैं। अब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद देखना हो या जकात निकालने के लिए पैसों की गणना, कुरआन की आयतों का तर्जुमा हो या पढ़ने का तरीका इन सब बातों के लिए इंटरनेट जम कर खंगाला जा रहा है। अब ऐसी ऐप और वेबसाइट्स भी मौजूद हैं, जिन पर रमजान और उससे संबंधित बहुत सी चीजों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। रमजान के महीने से जुड़े इस्लामी विद्वानों की तकरीरें भी लाइव दी गई हैं।
रमजान के इस पाक महीने में लोग अपनी साल की आमदनी का चालीसवां हिस्सा दान करते हैं। जिसे अनिवार्य माना गया है। क्योंकि रमजान में दान का काफी महत्व होता है। इसे जकात कहते हैं। अब इस जकात के आंकड़ों का हिसाब लगाने के लिए लोग खास तरह की तकनीक से बना केलकुलेटर इस्तेमाल कर रहे हैं। रमजान के महीने में जकात देने का प्रतिशत भी ऐप के कैलकुलेटर से जोड़ सकते हैं। जिसमें ज्वैलरी, कैश इन हैंड, कैश इन बैंक एकाउंट, कैश इन बिजनेस एकाउंट, प्रॉपर्टीज और रेंट इनकम सहित लोगों की इनकम के हिसाब से जकात की रकम काउंट कर आसानी से निकाली जा सकती है।
हर जगह पर रोजे का समय अलग-अलग होता है। जो रोजेदार जिस शहर में होता है उसे उस शहर के रोजे का टाइम टेबल पता होता है। लेकिन वह लोग जो काम के चलते बिजनेस, नौकरी या किसी जरूरी काम से दूसरे शहर जाते रहते हैं उन लोगों को उस शहर के रोजे का टाइम पता करने में परेशानी होती है। ऐसे लोग गूगल की सहायता ले सकते हैं। साथ ही लोग ramadan times ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसकी सहायता से केवल समय ही नहीं बल्कि रमजान से जुड़ी बहुत सी चीजों की जानकारी प्राप्त हो सकती है।