आजाद खान

रमज़ान के तीन अशरा होते हैं, जिसमें एक अशरा बीत चुका है। दूसरा अशरा शुक्रवार (17 मई) से शुरू हो गया और यह अगले 10 दिन तक जारी रहेगा। रमजान का पहला अशरा रहमत का है तो दूसरा मगफिरत का होता है। इस्लामिक स्कॉलरों के मुताबिक, अल्लाह ने रमज़ान के यह 10 दिन दिए हैं, जिसमे बंदा खुद अपने गुनाहों से तौबा कर अल्लाह से मगफिरत तलब कर सकता है।

दूसरे जुमा के साथ शुरू हुआ दूसरा अशरा : इस बार रमजानुल मुबारक का दूसरा जुमा और दूसरा अशरा एक साथ शुरू हुआ है। आम दिनों में भी जुमे की अलग खासियत होती है, लेकिन रमज़ान में इसकी फजीलत और बढ़ जाती है। इस दिन अल्लाह की खूब इबादत करनी चाहिए और उनसे अपनी गुनाहों से तौबा व मगफिरत के लिए दुआ मांगनी चाहिए।

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दूसरे अशरा की दुआः हर अशरा में खास दुआएं होती हैं, जिनकी तिलावत पूरे अशरे में की जाती है। दूसरे अशरा में पढ़ी जाने वाली दुआ में अल्लाह से ज्यादा से ज्यादा मगफिरत मांगनी चाहिए। इस आयत में अल्लाह ने हमें मगफिरत तलब करने का तरीका भी बताया है।

पहली दुआ: मैं अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगता हूं, जो मेरा रब है और मुझे उसकी तरफ वापस जाना है।

 

रमज़ान में अल्लाह की माफी अपने चरम पर होती हैः बता दें कि रमजान के हर दिन और रात में अल्लाह अपनी नेमत से बंदों को मालामाल करता है। इस मुबारक महीने में अल्लाह अपने बंदों को पुकार-पुकार कर नेमत बांटता है। इस वजह से हमें अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए।