Raksha Bandhan 2024 Time, Shubh Muhurat Kab Ka Hai Updates: वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानि राखी बांधती है। भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता है और साथ ही गिफ्ट भी देता है।
Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2024 LIVE
आपको बता दें कि इस साल रक्षाबंधन का त्योहार इस बार 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस साल रक्षाबंधन पर 90 साल बाद 5 शुभ योग बन रहे हैं। जिसमें रवि, सौभाग्य, सर्वार्थ सिद्धि, शौभन श्रवण नक्षत्र बनने जा रहा है। वहीं इस दिन त्रिग्रही योग, बुधादित्य योग, शश राजयोग और शुक्रादित्य राजयोग बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। वहीं इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा 19 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट पर लग जाएगी। साथ ही भद्रा का समापन दोपहर 1 बजकर 30 पर होगा।
राखी बांधने से पहले अपने इष्टदेव की विधिवत पूजा-अर्चना करें। वहीं इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश को रक्षासूत्र बांधे और घर के मंदिर में अपने-अपने इष्टदेव की पूजा करते हुए घी का दीपक जलाएं और उन्हें रक्षासूत्र अर्पित कर आशीर्वाद लें। इसके बाद ही अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन करें। ऐसा करने भाई- बहनों के जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहेगी…
रक्षाबंधन पर राखी बाधंते समय थाली में दीपक जरूर जलाना चाहिए। क्योंकि दीपक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह माना जाता है। साथ ही आसन या कुर्सी पर बैठकर ही भाई के साथ में राखी बांधनी चाहिए।
कई लोग देखें होंगे जो मांगलिक और धार्मिक कार्यक्रम में चमड़े की बेल्ट, पर्स और चप्पल जूते पहने रखते हैं। जो कि गलत है। इसलिए रक्षाबंधन पर भाई- बहनों को कोई भी चमड़े का आयटम पहनकर रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहिए। क्योंकि चमड़े को ज्योतिष में अशुभ बताया गया है।
रक्षाबंधन के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि ज्योतिष में काले रंग को अशुभ माना है। इसलिए पीले, लाल और गुलाबी रंग के कपड़े भाई- बहनों को धारण करने चाहिए।
शास्त्रों अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बांधना चाहिए वहीं विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में राखी बांधने का विधान है।
“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:”
रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, रवि और सर्वार्थ सिद्ध योग का भी नाम शामिल है। वहीं इस दिन सूर्य देव भी अपनी स्वराशि में संचरण कर रहे हैं। साथ ही शनि देव भी शश राजयोग बनाकर विराजमान हैं। इसके साथ ही बुध और शुक्र भी इस राशि में होंगे, जिससे बुधादित्य और शुक्रादित्य राजयोग का बन रहा है।
रक्षाबंधन भद्रा अंत समय : दोपहर 01 बजकर 31 मिनट
रक्षाबंधन भद्रा पूंछ : सुबह 09:51 – सुबह 10:53
रक्षाबंधन भद्रा मुख : सुबह 10:53 – दोपहर 12:37
वैदिक पंचांग के मुताबिक श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 3 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका अंत रात 11 बजकर 54 मिनट पर हो है। ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते हुए रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
