Rahu-Ketu Gochar: ज्योतिष के अनुसार शुक्र द्वारा शासित केतु ग्रह वायु राशि तुला में गोचर करने जा रहा है, वहीं मंगल शासित राहु गोचर की बात करें तो इस दौरान राहु मेष राशि में गोचर करने जा रहा है। इन ग्रहों के गोचर के दौरान राहु और केतु, मंगल और शुक्र के परिणाम समान होंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु केतु राशियों में अपनी स्थितियों के बावजूद अपने स्वभाव के अनुसार ही परिणाम देंगे।

वैदिक ज्योतिष में राहु को भौतिकवादी चीजों, शरारत, भय, असंतोष, जुनून, और धर्म का प्रतिनिधि माना गया है। वहीं केतु कुंडली के जिस भाव में स्थित होता है उस भाव के स्वामी के अनुरूप ही फल देता है। ये अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के कर्मों का प्रतिनिधित्व करता है। जानिए केतु का शुक्र के आधिपत्य वाली राशि तुला में गोचर किन राशि वालों के लिए शानदार रहेगा। ऐसे में राहु-केतु के गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, आइए जानते किन राशियों पर क्या पड़ेंगे-

मेष राशि: मेष राशि के जातकों को अपने रिश्तो के प्रति ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी। क्योंकि संभावित है कि आपको इन क्षेत्रों में कुछ समस्या उठानी पड़ सकती है। ऐसे में आपको इस संदर्भ में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा इस महत्वपूर्ण घटना के दौरान आपके जीवन में वित्तीय और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी खड़ी हो सकती हैं।

तुला राशि: तुला राशि के जातकों को रिश्तों के मामलों में आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी। इस गोचर के दौरान इस राशि के लोगों को सेहत, आर्थिक पक्ष के मामले में अधिक सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि इस दौरान बृहस्पति और शनि ग्रह अपने गोचर के दौरान शुभ स्थिति में नहीं रहने वाले हैं। इस गोचर के दौरान शनि चौथे घर में स्थित होगा और बृहस्पति छठे भाव में स्थित होगा।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों को इस दौरान आपको भविष्य को लेकर असुरक्षा की भावना और चिंता परेशान कर सकती है। चूंकि इस राशि के लोगों के कुंडली मे राहु केतु ग्रह पंचम और एकादश भाव में गोचर करेंगे। पंचम भाव में राहु की स्थिति धनु जातकों के लिए ज्यादा अच्छी नहीं रहने वाली है। इसके अलावा योजना की कमी और गलत निर्णय लेने की वजह से आपको धन की हानि भी हो सकती है। इसके अलावा यदि व्यक्ति की कुंडली में केतु ग्रह अनुकूल स्थिति में है या अनुकूल महादशा चल रही है तो भी इन जातकों को सामान्य परिणाम मिलेंगे।