Rahu Grah: ज्योतिष शास्त्र में राहु का विशेष महत्व है। राहु को छाया ग्रह भी कहा जाता है। राहु का नाम सुनते ही मन में एक भय सा आ जाता है कि आपके जीवन में इसका क्या अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु दोष होने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राहु हमेशा ही अशुभ फल नहीं देता है, बल्कि कुछ स्थितियों में ये शुभ फल भी देता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म पत्रिका में कुछ स्थानी में राहु काफी शुभ असर डालता है। ऐसी स्थिति में जातकों को धन लाभ के साथ सौभाग्य, खुशहाली की प्राप्ति होती है। जानिए राहु किन स्थानों पर देता है शुभ फल।
जन्म पत्रिका में तीसरे भाव में राहु
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में अगर राहु तीसरे भाव में है, तो यह काफी शुभ माना जाता है, क्योंकि इस भाव को पराक्रम, यात्रा. साहस आदि का माना जाता है। ऐसे में इस भाव में कई शुभ गुणों की वृद्धि होती है। इस भाव में लोग बहुत तेजी से तरक्की पाने के साथ सुख-शांति पाते हैं। अपनी गुढ़ समझ के कारण समाज में एक अलग पहचान बनाते हैं।
कुंडली के छठे भाव में राहु
अगर कुंडल में छठे भाव में राहु विराजमान है, तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। कुंडली में छठा भाव शत्रु, कर्ज, रोगों को दर्शाता है। ऐसे में राहु नीच अवस्था में होता है, तो जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही उच्च अवस्था में है, तो व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल सकता है। शत्रुओं के ऊपर विजय प्राप्त होती है। सेहत के लिहाज से आपको कई रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
कुंडली में एकादश भाव में राहु
एकादश भाव में राहु के होने से व्यक्ति सक्सेसफुल होने के साथ साथ अधिक महत्वाकांक्षी बनाता है। इसके साथ ही हर क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं। एकादश भाव में राहु अनुकूल होने से आध्यात्मिक रूप से भी काम करवाने में भी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही एकादश भाव में राहु होने के कारण भौतिक सुख मिल सकता है।