Rahu Planet: ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। साथ ही ज्योतिष में राहु को मायावी ग्रह भी कहा जाता है। राहु कुंडली के 12 भावों में अलग- अलग फल प्रदान करते हैं। साथ ही अगर राहु कुंडली में राहु नीच के या अशुभ स्थित हों तो व्यक्ति को जिंदगी भर आर्थिक तंगी का सामना करना  पड़ता है। साथ ही उसका जीवन संघर्ष में ही कट जाता है। 

वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, बुरे कर्म, त्वचा संबंधी रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक कहा जाता है। मतलब राहु इन क्षेत्रों पर विशेष करके प्रभाव डालते हैं। आइए जानते हैं राहु ग्रह के कुंडली में अशुभ स्थित होने से व्यक्ति के ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है और राहु को ठीक करने के क्या उपाय हैं…

राहु खराब होने के लक्षण: 

ज्योतिष के अनुसार किसी भी ग्रह के अशुभ होने का अंदाजा उसके प्रभावों से लगाया जा सकता है। जैसे राहु ग्रह के खराब होने पर ससुराल पक्ष से संबंध बिगड़ेंगे, याददाश्त कम होने लगेगी, शत्रुओं में वृद्धि होगी, गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहेगा, मानसिक तनाव बढ़ेंगे, भय की स्थिति उत्पन्न होगी, आर्थिक नुकसान होगा, धोखा देने की प्रवृति उत्पन्न होगी, व्यक्ति मद्यपान या संभोग में ज्यादा रह सकता है, लापरवाह बनेंगे, वाहन दुर्घटना हो सकती है। भाग्य का साथ कम मिलेगा। जिंदगी में कभी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं हो पाएगी आदि।

इन उपायों को करने से राहु दोष से मिल सकती है मुक्ति:

नागपंचमी पर करें ये उपाय:

ज्योतिष के अनुसार राहु की पीड़ा नाग श्राप से संबंधित रहती है, अतः शुद्ध चांदी में नागदेव की मूर्ति बनवाकर उसकी विधिवत् पूजा करके दान करना चाहिए। साथ ही नागपंचमी के पर्व पर शुद्ध चांदी की नागदेव की मूर्ति बनवाकर उसे पूजा स्थान पर स्थापित करके उसकी प्रतिदिन हल्दी, कुंकुम, नैवेद्य आदि से पूजन करने पर राहु से संबंधी समस्याओं में कमी आती है।

गले में करे राहु लॉकेट को धारण:

यदि आपकी कुंडली में राहु से जुड़े दोष हों और इसके कारण आपको तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो तो आप उसकी शुभता को पाने के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर गोमेद युक्त राहु यंत्र लॉकेट में बनवा कर धारण कर सकते हैं। (यह भी पढ़ें)- Surya Grahan: 30 अप्रैल को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, इन 3 राशि वालों को धनलाभ के प्रबल योग

राहु ग्रह के अन्य उपाय:

– राहु बीज मन्त्र: ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का 108 बार रोजाना जाप करें।

– हनुमान या सरस्वती की पूजा करें।

– ससुराल पक्ष से संबंध अच्छे रखें।

– बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करें।

– गोमेद रत्न धारण करें।

– तिल और जौ किसी हनुमान मंदिर में दान करें।

– दुर्गा चालीसा का पाठ करें.

– पक्षियों को रोजाना बाजरा खिलाएं।

– शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

– तामसिक आहार व मदिरापान ना करें।

– सफेद चन्दन की माला धारण कर सकते हैं।

– प्रतिदिन सुबह के समय चंदन का टीका लगाएं। (यह भी पढ़ें)-Budh Gochar: 8 अप्रैल से चमक सकती है इन 3 राशि वालों की किस्मत, ग्रहों के राजकुमार बुध देव की रहेगी विशेष कृपा