Radha Ashtami Aarti, Radha Rani Ki Aarti In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी के लिए व्रत रखने के साथ-साथ विधिवत पूजा करने का विधान है। राधा रानी को भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और संगिनी देवी का रूप माना जाता है। ऐसे में राधा अष्टमी के दिन राधा रानी के साथ श्री कृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के दुखों से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आप भी राधा अष्टमी के मौके पर राधा रानी की विधिवत पूजा करने के साथ अंत में इस आरती का पाठ जूरर करें। इस दिन आरती श्री वृषभानु लली का गायन करना बुहत ही मंगलकारी माना जाता है। आइए जानते हैं राधा रानी की संपूर्ण आरती…
Radha Ashtami Vrat Katha in Hindi: Read here
राधा अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त (Radha Ashtami 2024 Shubh Muhurat 2024)
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर की रात 10 बजे 11 मिनट से 11 सितंबर की रात 11 बजकर 46 मिनट तक है।
शुभ चौघड़िया- 10 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 19 मिनट तक। इसके बाद 11.31 के बाद आप 12 बजकर 18 मिनट तक पूजा- अर्चना कर सकते हैं।
चल चौघड़िया मुहूर्त- दोपहर में 3 बजकर 23 मिनट से शाम में 4 बजकर 57 मिनट तक।
लाभ चौघड़िया मुहूर्त– शाम में 4 बजकर 57 मिनट से शाम में 6 बजकर 32 मिनट तक।
आरती श्री राधाजी की (Radha Rani Aarti)
आरती राधाजी की कीजै। टेक…
कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा।
आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती…
कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।
उस शक्ति की आरती कीजै। आरती…
नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई।
आरती रास रसाई की कीजै। आरती…
प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।
आरती राधाजी की कीजै। आरती…
दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।
आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती…
दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे।
आरती जगत माता की कीजै। आरती…
निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे।
आरती विश्वमाता की कीजै। आरती राधाजी की कीजै..
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