Putrada Ekadashi 2025 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एक-एक एकादशी होती है और हर एकादशी का अपना विशेष धार्मिक महत्व होता है। इन्हीं में से एक है पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी, जिसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। बता दें कि साल में दो बार पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो श्रावण और पौष में होता है। पौष मास की पुत्रदा एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, जीवन के सभी दुख, कष्ट और पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी पुत्रदा एकादशी की तारीख को लेकर थोड़ा सा असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं साल की आखिरी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा। इसके साथ ही जानें शुभ मुहूर्त, पारण का समय और मंत्र…
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पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2025 कब? (Paush Putrada Ekadashi 2025 Date)
पंचांग के मुताबिक, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 51 मिनट पर आरंभ होगी, जो 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे समाप्त होगी। ऐसे में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत दोनों दिन रखा जाएगा। परंपरा के अनुसार 30 दिसंबर को व्रत लोग रखेंगे। वहीं वैष्णव संप्रदाय परंपरा के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 31 दिसंबर को रखा जाएगा।
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2025 का पारण का समय (Paush Putrada Ekadashi 2025 Paran Time)
पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत दो दिन रखा जा रहा है। ऐसे में अगर आप 30 दिसंबर को व्रत रख रहे हैं, तो 31 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से 3 बजकर 31 मिनट तक कर सकते हैं। वहीं 31 दिसंबर को व्रत रखने वाले पारण 1 जनवरी को सुबह 07 बजकर 14 मिनट से 09 बजकर 18 मिनट तक कर सकते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 महत्व (Paush Putrada Ekadashi 2025 Significance)
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को अत्यंत पावन माना गया है। पौष माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, इस एकादशी के महत्व का वर्णन स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने किया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति अपने समस्त पापों से मुक्त हो जाता है और उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। विशेष रूप से जिन दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।
पौष पुत्रदा एकादशी पर करें मंत्र का जाप
पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। इसके अलावा विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
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