श्रावण का पवित्र महीना चल रहा है। शिवभक्त भोले बाबा की भक्ति में डूबे हुए हैं। बता दें कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आने वाली एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहते हैं। श्रावण मास की यह एकादशी अपना विशेष महत्व रखती है। पुत्रदा एकादशी पर व्रत रखने को विशेष लाभकारी बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूरी श्रद्धाभाव के साथ व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। ऐसी भी मान्यता है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को वाजपेयी यज्ञ के समान ही फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस एकादशी का महत्व और भी ज्यादा हो जाता है। पुत्रदा एकादशी को बहुत ही पुण्यकारी दिन बताया गया है। कहते हैं कि एकादशी सभी पापों को नाश करने वाली होती है। और व्यक्ति को धर्म के रास्ते पर लेकर जाती है।

शुभ मुहूर्त: इस साल श्रावण पुत्रदा एकादशी 22 अगस्त (दिन बुधवार) को पड़ रही है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी पारणा मुहूर्त: 5:54 से 8:30 तक।

पूजा विधि: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन साफ वस्त्र धारण करें। पुत्रदा एकादशी पर विष्णु जी के सामने घी का दीपक जलाएं और व्रत करने का संकल्प लें। विष्णु जी को फल, फूल, तिल व तुलसी चढ़ाएं। इसके बाद कथा का पाठ करें और पूरी श्रद्धाभाव के साथ आरती गाएं। पूरे दिन व्रत रखने बाद शाम को फल ग्रहण कर सकते हैं। पुत्रदा एकादशी के दिन रात्रि में जागरण और भजन कीर्तन करें। इसके बाद द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें। अंत में स्वयं भी भोजन करें।