25 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है। महाराष्ट्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में इस त्योहार को 10 दिन तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसके बाद पूरे दस दिन उसकी पूजा की जाती है और आखिरी दिन इस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी जगह गणेश चतुर्थी केवल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को ही मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश की पूजा का भी एक शुभ मुहूर्त होता है। ज्योतिर्विद पंडित दीपक दूबे के मुताबिक इस बार भगवान गणेश की पूजा के लिए केवल 2.33 घंटे ही शुभ हैं। दिल्ली के समय के मुताबिक यह समय सुबह 11 बजकर 5 मिनट से शुरु होगा और दोपहर में 1 बजकर 39 मिनट पर खत्म होगा। इस दौरान भगवान गणेश की पूजा या अनुष्ठान करवा सकते हैं।
भगवान गणेश की पूजा के लिए कई चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बताया जाता है कि भगवान गणेश को लड्डू बहुत पसंद हैं, इसलिए उन्हें लड्डू जरूर चढ़ाएं। इसके अलावा उन्हें पीले और लाल रंग के फूल बहुत प्रिय हैं, पूजा में इन्हीं रंग के फूलों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। फूल के अलावा भगवान गणेश को दूब या घास अर्पित करें। इससे वे काफी प्रसन्न होते हैं। भगवान गणेश को हर एक तरह के दुख दूर करने वाला माना जाता है। ऐसे में अगर वे प्रसन्न हो जाते है तो आपके जीवन की सारी कठिनाइयां दूर हो जाएंगी।
पूजा में गणेश गायत्री का जाप करें। इसके साथ ही पूजा के दौरान रुद्राक्ष की जगह हल्दी की माला का इस्तेमाल करें। हल्दी की माला गणेश जी को बहुत पसंद है। इन सब के अलावा यह गौर करने वाली बात है कि शिवजी की तरह गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती। ऐसे में पूजा सामग्री में तुलसी नहीं होनी चाहिए। घर में भगवान गणेश की तीन मूर्तियां भी नहीं होनी चाहिए।
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