हिंदू धर्म में पृथ्वी पूजन का विशेष महत्व है। कहते हैं कि पृथ्वी पूजन से व्यक्ति को कई सारे लाभ मिलते हैं। मालूम हो कि हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग पृथ्वी को मां का दर्जा देते हैं। ऐसे में पृथ्वी पूजन और भी खास हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि हमारी मां हमें जन्म देकर इस दुनिया में लाती है। लेकिन धरती मां हमें यहां पर रहने के लिए स्थान देती है। धरती मां के बिना इस सृष्टि की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। ऐसे में यह हम सबका कर्तव्य बताया गया है कि हम धरती मां की पूजा करें। और उनके द्वारा दिए गए आशीर्वाद के लिए धन्यवाद दें। इन सबके बीच क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी पूजन से जमीन-जायदाद में लाभ मिलने की मान्यता है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

शास्त्रों में धरती मां को विष्णु जी की पत्नी बताया गया है। कहते हैं कि धरती मां इस पूरे संसार की मां हैं और वह सबका ख्याल रखती हैं। ऐसा कहा जाता है कि विष्णु जी ने अपनी कोई संतान पैदा नहीं की ताकि धरती मां समस्त संसार का ख्याल रख सकें। उल्लेखनीय है कि पुराणों में पृथ्वी पर पैर रखने को भी त्रुटि (दोष) का दर्जा दिया गया है। इस दोष से बचने के कुछ उपाय भी बताए गए हैं। सामान्य तौर पर यह कहा जाता है कि सुबह उठकर धरती पर पैर रखने से पहले उनका चरण स्पर्श कर लेना चाहिए।

धरती पूजन की एक काफी सामान्य सी विधि बहुत ही प्रसिध्द है। इसके मुताबिक एक पात्र में जल लेकर उसमें पुष्प और अक्षत डाल देनी चाहिए। इसके बाद श्रद्धाभाव के साथ उसे धरती मां को अर्पित करना चाहिए। यह धरती-पूजन विधि प्रत्येक दिन के लिए बताई गई है। इसलिए इसे सामान्य तौर पर स्नान करने के तुरंत बाद ही किया जाता है। कहते हैं कि इससे धरती मां प्रसन्न होती हैं और भक्त को जमीन-जायदाद में लाभ प्रदान करती हैं।