Premanand Maharaj Vrat Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का जितना महत्व होता है, उतना ही व्रत का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं के प्रति आस्था दिखाते हुए विधिपूर्वक व्रत रखने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। खासकर तीज-त्योहारों और विशेष तिथियों पर रखे जाने वाले व्रतों के कुछ खास नियम होते हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन न करने से व्रत अधूरा रह सकता है। इस बीच हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचनों में व्रत टूटने के पीछे कुछ कारण बताए हैं। तो चलिए महाराज जी से जानते हैं कि आखिर किन गलतियों की वजह से व्रत टूट सकता है।
इन वजहों से टूट जाता है व्रत
प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि व्रत रखने वाले लोगों को कुछ जरूरी नियमों का पालन जरूर करना चाहिए, वरना इससे व्रत अधूरा माना जाता है। महाराज जी ने कहा कि व्रती को बार-बार शौचालय जाने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से व्रत की पवित्रता भंग हो सकती है। इसके अलावा, व्रती को दिन के समय नहीं चाहिए। क्योंकि सोना भी व्रत को खंडित कर सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि व्रत के दौरान जातक को दिन भर बार-बार मुंह नहीं चलाना चाहिए।
व्रत टूटने के और भी हैं कारण
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो व्यक्ति व्रत के दौरान झूठ बोलते हैं या दूसरों के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हैं, उनका व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। महाराज जी का यह भी कहना है कि व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए। यदि इस नियम की अनदेखी की जाती है तो व्रत खंडित हो सकता है और साधना का फल भी नहीं मिलता है।
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