Premanand Maharaj on Importance of Brotherhood in Life: हर दिन हजारों भक्त प्रेमानंद महाराज जी के सत्संग में शामिल होकर अपने जीवन से जुड़ी उलझनों का समाधान खोजते हैं। हाल ही में एक भक्त ने उनसे एक सीधा लेकिन गहरा सवाल पूछा कि ‘एक भाई का अपने भाई के प्रति क्या कर्तव्य होना चाहिए?’ इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने बहुत ही सरल उत्तर दिया, जो हर परिवार और हर व्यक्ति के लिए एक सीख है। ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रेमानंद महाराज ने क्या जवाब दिया।
भाई केवल रिश्ते का नाम नहीं है
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भाई केवल खून का रिश्ता नहीं, वह जीवन भर निभाने वाला धर्म है। भाई-भाई का संबंध केवल बचपन की शरारतों या संपत्ति के बंटवारे तक सीमित नहीं होना चाहिए। एक भाई को अपने छोटे या बड़े भाई के प्रति सम्मान और धैर्य रखना चाहिए। अगर मतभेद हो भी जाएं, तो उसे प्रेम और संवाद से सुलझाना चाहिए न कि अहंकार से।
दूसरा कर्तव्य
प्रेमानंद महाराज जी ने आगे कहा कि अगर भाई संकट में हो, तो दूसरा भाई उसे अपने से पहले रखे। भाई अगर एक हो जाएं, तो संसार की कोई ताकत उनका नुकसान नहीं कर सकती। घर की एकता परिवार की नींव होती है और भाई ही उसका सबसे मजबूत स्तंभ होता है। प्रेमानंद जी बताते हैं कि जब दो भाई एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं, तो वहां ईश्वर की कृपा अपने आप बनी रहती है। ऐसा घर कभी दुखी नहीं होता।
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