Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: हर साल भादप्रद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जा रही है। इस दिन आधी रात 12 बजे श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। लड्डू गोपाल की पूजा करते समय कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कान्हा की पूजा अधिकतर घरों में बड़े प्रेम और श्रद्धा से की जाती है। घर में बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित कर उनकी सेवा करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है और उनकी सेवा बिल्कुल एक छोटे बच्चे की तरह की जाती है। बाल गोपाल की सेवा करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। कई घरों में लोग लहसुन और प्याज का सेवन करते हैं। ऐसे में कई लोगों के जहन में ये सवाल आता है कि लड्डू गोपाल की सेवा लहसुन-प्याज का सेवन करके किया जा सकता है कि नहीं। ऐसे ही एक सवाल प्रेमानंद महाराज से एकांतिक वार्तालाप में एक व्यक्ति ने पूछा कि क्या लहसुन-प्याज का सेवन करने वाले व्यक्ति लड्डू गोपाल की सेवा कर सकते हैं और इसके लिए क्या नियम निर्धारित हैं…
प्रेमानंद महाराज जी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे बाल गोपाल की सेवा से संबंधित महत्वपूर्ण नियम और परंपराओं पर प्रकाश डाल रहे हैं। महाराज जी कहते हैं कि यदि किसी घर में बाल गोपाल की स्थापना की गई है, तो उनकी देखभाल और सेवा एक नवजात शिशु की भांति अत्यंत स्नेह, प्रेम और सावधानी से करनी चाहिए।
लहसुन और प्याज का सेवन कर लड्डू गोपाल की सेवा करने के विषय में वे बताते हैं कि परंपरा और शास्त्रों के अनुसार, साधु-संतों के लिए लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित माना गया है। इसका कारण यह है कि इनका सेवन करने से व्यक्ति के भीतर तमोगुण की वृद्धि होती है, जिससे ध्यान, जप और तप जैसी साधनाओं में मन स्थिर नहीं रह पाता और साधना में व्यवधान उत्पन्न होता है। हालांकि, वे स्पष्ट करते हैं कि लहसुन-प्याज खाना किसी भी प्रकार का पाप नहीं है, क्योंकि इनकी उत्पत्ति भी सामान्य रूप से होती है, ठीक वैसे ही जैसे आलू की होती है। किंतु इनकी प्रवृत्ति और गुणधर्म भिन्न होने के कारण, जप-तप करने वालों और दीक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए इनका सेवन निषेध माना गया है।
महाराज जी आगे समझाते हैं कि यदि कोई व्यक्ति लहसुन-प्याज का सेवन करता है, तो भी वह लड्डू गोपाल की सेवा कर सकता है। लेकिन एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि जो भी भोग बाल गोपाल को अर्पित किया जाए, वह पूर्णत: सात्विक होना चाहिए, जिसमें लहसुन और प्याज का बिल्कुल भी प्रयोग न हो। यदि भोग के लिए अधिक व्यंजन बनाना संभव न हो, तो केवल सादी रोटी का भोग भी अर्पित किया जा सकता है।
अगस्त माह का तीसरे सप्ताह सूर्य और शुक्र अपनी राशि बजलने वाले हैं, जिससे कई राजयोगों का निर्माण होने वाला है। इस सप्ताह शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे बुध के साथ युति करके लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे केतु के साथ युति करेंगे। इसके अलावा इस सप्ताह समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक टैरो राशिफल
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।