हिंदू धर्म में माघ मास का विशेष महत्व है। क्योंकि इस महीने कई विशेष पर्व और त्योहार पड़ते हैं। वहीं इस मास में मौनी अमावस्या भी पड़ती है। आपको बता दें कि लोग मौनी अमावस्या पर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में लोग आस्था की डुबकी लगाकर भोलेनाथ और भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करते हैं। वहीं इस साल प्रयागराज में महाकुंभ लगने से इस साल मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बढ़ गया है। वहीं आपको बता दें कि इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने का विधान है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या की तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त और सब कुछ…
मौनी अमावस्या 2025 तिथि
वैदिक पंचांग के मुताबिक माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7.32 बजे शुरू होगी और 29 जनवरी की शाम 6.05 बजे खत्म होगी।
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 6 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वहीं लाभ चौघड़िया सुबह 7 बजकर 11 मिनट तर रहेगी। साथ ही अमृत चौघड़िया सुबह 8 बजकर 31 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट तक है। इस बीच आप दान- स्नान कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.25 बजे से 6.18 बजे तक रहेगा। इसके बाद प्रातः संध्या मुहूर्त 5.51 बजे से 7.11 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन दान- स्नान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन पितृ तर्पण और पिंड दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और धन- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही अगर आप इस दिन शाम के समय तुलसी के सामने दीपक जलाएं और कच्चा दूध अर्पित करें। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
मान्यता अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में अगर आप इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करेंगे और उसके नीचे सरसों का दीपक जलाएंगे, तो ऐसा करने से आपको पितरों की कृपा प्राप्त होगी। इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी। साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिलेगा।
भगवान शिव के 108 नाम (Shiv ji ke 108 Naam)
ॐ रुद्रनाथ नमः
ॐ महाकाल नमः
ॐ नटराज नमः
ॐ भीमशंकर नमः
ॐ चंद्रमोली नमः
ॐ प्रलेयन्कार नमः
ॐ ज्योतिलिंग नमः
ॐ डमरूधारी नमः
ॐ भोलेनाथ नमः
ॐ चंद्रधारी नमः
ॐ भूतनाथ नमः
ॐ कैलाश पति नमः
ॐ नन्दी की सवारी नमः
ॐ मलिकार्जुन नमः
ॐ भीमेश्वर नमः
ॐ नंदराज नमः
ॐ बम भोले नमः
ॐ विषधारी नमः
ॐ विश्वनाथ नमः
ॐ अनादिदेव नमः
ॐ गोरापति नमः
ॐ उमापति नमः
ॐ ओंकार स्वामी नमः
ॐ गणपिता नमः
ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
ॐ ओंकारेश्वर नमः
ॐ शिवजी नमः
ॐ भोले बाबा नमः
ॐ शम्भु नमः
ॐ नीलकंठ नमः
ॐ त्रिपुरारी नमः
ॐ महाकालेश्वर नमः
ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
ॐ त्रिलोकनाथ नमः
ॐ लंकेश्वर नमः
ॐ बर्फानी बाबा नमः
ॐ केदारनाथ नमः
ॐ अमरनाथ नमः
ॐ अर्धनारीश्वर नमः
ॐ मंगलेश्वर नमः
ॐ नागार्जुन नमः
ॐ जटाधारी नमः
ॐ जगतपिता नमः
ॐ नीलेश्वर नमः
ॐ नागधारी नमः
ॐ मृत्युन्जन नमः
ॐ गलसर्पमाला नमः
ॐ रामेश्वर नमः
ॐ सोमनाथ नमः
ॐ दीनानाथ नमः
ॐ भंडारी बाबा नमः
ॐ जोगी नमः
ॐ गोरीशंकर नमः
ॐ बमलेहरी नमः
ॐ महेश्वराए नमः
ॐ शिवाकांत नमः
ॐ महेश नमः
ॐ संकटहारी नमः
ॐ रुंडमालाधारी नमः
ॐ महेश्वर नमः
ॐ पशुपति नमः
ॐ जगपालनकर्ता नमः
ॐ प्राणनाथ नमः
ॐ संगमेश्वर नमः
ॐ दक्षेश्वर नमः
ॐ मणिमहेश नमः
ॐ घ्रेनश्वर नमः
ॐ अमर नमः
ॐ अनादी नमः
ॐ विलवकेश्वर नमः
ॐ आशुतोष महाराज नमः
ॐ ओलोकानाथ नमः
ॐ अचलेश्वर नमः
ॐ देवदेवेश्वर नमः
ॐ आदिनाथ नमः
ॐ महादानी नमः
ॐ शिवम् नमः
ॐ अभयंकर नमः
ॐ शिवदानी नमः
ॐ सर्पधारी नमः
ॐ धूधेश्वर नमः
ॐ पातालेश्वर नमः
ॐ हठ योगी नमः
ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
ॐ नागाधिराज नमः
ॐ विश्लेश्वर नमः
ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
ॐ उमाकांत नमः
ॐ सर्वेश्वर नमः
ॐ मुक्तेश्वर नमः
ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
ॐ त्रिकालदर्शी नमः
ॐ गढ़शंकर नमः
ॐ महादेव नमः
ॐ भद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिपुनाशक नमः
ॐ गिरजापति नमः
ॐ निर्जेश्वर नमः
ॐ नटेषर नमः
ॐ किरातेश्वर नमः
ॐ भीलपति नमः
ॐ वृषेश्वर नमः
ॐ अबधूतपति नमः
ॐ जितनाथ नमः
ॐ भूतेश्वर नमः
ॐ नागेश्वर नमः
ॐ जागेश्वर नमः
ॐ बैजूनाथ नमः
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.25 बजे से 6.18 बजे तक रहेगा। इसके बाद प्रातः संध्या मुहूर्त 5.51 बजे से 7.11 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
ॐ श्री पितराय नम:
ॐ श्री पितृदेवाय नमः
ॐ श्री पितृभ्य: नम:
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात् ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: ॐ आद्य भूताय विद्महे सर्व सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति स्वरूपेण पितृ देव प्रचोदयात्
वैदिक ज्योतिष अनुसार मौनी अमावस्या पर इस बार मकर राशि में एक साथ सूर्य, बुध और चंद्रमा विराजमान होकर त्रिवेणी योग बनाएंगे। इसी के साथ इन सभी पर गुरु की नवम दृष्टि भी रहने वाली है। साथ ही इस दिन शुक्र ग्रह मालव्य राजयोग भी बना रहे हैं…
मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग रात 09 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है।
ज्योतिष पंचांग मुताबिक मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग में गंगा स्नान करने से महापुण्य फल मिलता है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 20 मिनट से हो रहा है।
वैदिक पंचांग के मुताबिक माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7.32 बजे शुरू होगी और 29 जनवरी की शाम 6.05 बजे खत्म होगी।