प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार को नेपाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत नेपाल के जनकपुर में स्थित राम जानकी मंदिर के दर्शन से की है। पीएम मोदी ने मंदिर में आरती उतारी और फिर माथा भी टेका। इसके साथ ही उनको मंदिर के पुजारियों के साथ मंजीरा बजाते और सीता-राम का जाप करते हुए भी देखा गया। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने कहा कि एकादशी के मौके पर जानकी मंदिर आना सौभाग्य की बात है। क्या आप जानते हैं कि पौराणिक हिंदू मान्यता के अनुसार नेपाल स्थित जनकपुर सीता माता का मायका है? मिथिला नरेश जनक की पुत्री सीता विवाह से पूर्व यहीं रहा करती थीं। चलिए विस्तार से जानते हैं जनकपुर स्थित राम जानकी मंदिर के बारे में।

नेपाल के जनकपुर में स्थित राम जानकी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर और ऐतिहासिक स्थल है। यह मंदिर सीता मां को समर्पित है। यदि मंदिर का बनावट की बात करें तो यह हिंदू-राजपूत वास्तुकला पर आधारित है। इसे नेपाल में राजपूत स्थापत्य शैली का बेजोड़ नमूना माना जाता है। यह मंदिर 4860 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। हिंदू धर्म के अनुयायी इसे जनकपुरधाम के नाम से भी पुकारते हैं। जानकी मंदिर का निर्माण साल 1895 में आरंभ हुआ था जो कि 1911 तक चला था। ऐसा बताया जाता है कि इसका निर्माण मध्य भारत के टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुमारी ने करवाया था।

ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर जानकी मंदिर के निर्माण खर्च का आंकड़ा भी मौजूद है। यह दावा किया जाता है कि इसके निर्माण में 9 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसी वजह से कई सारे लोग इसे नौलखा मंदिर के नाम से भी पुकारते हैं। मंदिर में सीता जी के एक प्रतिमा भी है। ऐसा बताया जाता है कि यह प्रतिभा मंदिर के निर्माण से भी पहले की है जो साल 1657 के आस-पास बनी होगी। बताते चलें कि जनकपुर स्थित जानकी मंदिर के आस-पास और भी कई मंदिर और तालाब हैं। ऐसे में जनकपुर पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जानकी मंदिर के साथ ही ये भी विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।