Shani Mantra: शनिवार का दिन न्याय के देवता और सूर्य के पुत्र शनि देव की पूजा के लिए समर्पित है। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि दोष दूर होता है, शनि की साढ़ेसाती और ढैया में राहत मिलती है। शनिदेव की पूजा में काले तिल, सरसों का तेल और नीले फूलों का विशेष महत्व माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है या शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव होता है, उन्हें शनिवार का व्रत रखने के लिए कहा जाता है।
शनि देव व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वालों पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। साथ ही बुरे काम करने वालों को सजा भी देते हैं। शनि देव भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं, इसलिए कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से शनि से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं।
शनिवार का व्रत करने और शनि देव की पूजा करने से दोष दूर होते हैं। शनि देव की कृपा से आपके जीवन से परेशानियां दूर होती हैं। शनिदेव अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। शनिवार के दिन अपनी राशि के अनुसार शनि देव के मंत्रों का जाप करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। आइए जानते हैं राशि के अनुसार शनि देव के मंत्र-
राशि अनुसार करें शनि देव की पूजा
मेष: घर में श्री शिव रुद्राभिषेक करवाएं।
वृषभ : महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
मिथुन : महाराज दशरथकृत नील शनि स्तोत्र का पाठ।
कर्क : लोहे के कटोरे में सरसों भरकर अपना चेहरा उसमें देखकर छाया दान करें।
सिंह : काले तिल अथवा साबुत उड़द का दान करें।
कन्या : शनिदेव के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का नियमित जाप करें।
तुला : नियमित रूप से शमी वृक्ष को जल देकर उसकी पूजा करें।
वृश्चिक : शनिवार को या हर दिन किसी गरीब अथवा असहाय की यथासंभव सहायता करें।
धनु : शनिवार या शनि जयंती पर चींटियों के स्थान पर चीनी और गेहूं का आटा डालें।
मकर : महाराज दशरथकृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करें।
कुंभ : शनि के नक्षत्रों और शनि की होरा में उत्तम गुणवत्ता का नीलम रत्न धारण करें।
मीन : अपने से छोटों से अच्छा व्यवहार करें और किसी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार पर सफाई करें।
राशि अनुसार इन मंत्रों का करें जाप
मेष: ॐ शान्ताय नम:
वृषभ: ॐ वरेण्णाय नम:
मिथुन: ॐ मन्दाय नम:
कर्क: ॐ सुन्दराय नम:
सिंह: ॐ सूर्यपुत्राय नम:
कन्या: ॐ महनीयगुणात्मने नम:
तुला: ॐ छायापुत्राय नम:
वृश्चिक: ॐ नीलवर्णाय नम:
धनु: ॐ घनसारविलेपाय नम:
मकर: ॐ शर्वाय नम:
कुंभ: ॐ महेशाय नम:
मीन: ॐ सुन्दराय नम: