Pitru Paksha 2024 Third Day: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष होते हैं। पितरों को समर्पित इन 16 दिनों तक उनका पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। इस दौना किसी भी तरह के शुभ, मांगलिक कामों को करने की मनाही होने के साथ खरीदने-बेचना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पितर पृथ्वी लोक पर ही वास करते हैं। ऐसे में उनका तर्पण, पिंडदान करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पितरों का श्राद्ध और तर्पण उनकी मृत्यु की तिथि के हिसाब से किया जाता है। 20 सितंबर को श्राद्ध का तीसरा दिन है। जानें तर्पण करने का शुभ मुहूर्त और श्राद्ध कर्म करने की विधि…

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के तीसरे दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हुई हो। इसे तीज श्राद्ध भी कहा जाता है। तृतीय श्राद्ध को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण, अपराह्न मुहूर्त आदि शुभ मुहूर्त माने जाते हैं।

श्राद्ध के तीसरे दिन की तिथि और शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि प्रारंभ – 20 सितंबर  2024 को सुबह 12:39 बजे से
तृतीया तिथि समाप्त – 20 सितंबर को रात 09:15 बजे तक
कुतुप मुहूर्त –  सुबह 11:48 से दोपहर 12:37 तक
अवधि – 49 मिनट
रौहिण मुहूर्त – दोपहर 12:37 से दोपहर 01:25
अवधि – 49 मिनट
अपराह्न काल – दोपहर 01:25 से दोपहर 03:52 तक
अवधि – 02 घण्टे 26 मिनट

श्राद्ध कर्म विधि (Shradha Karma Vidhi)

श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करना काफी शुभ माना जाता है। इसके लिए एक लोटे में जल लें और उसमें तिल, अक्षत, जौ आदि डाल लें। इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हाथों में कुश लें और अंगूठे से धीरे-धीरे जल अर्पित करें।  इसके साथ ही पितरों का मनन करते हुए इस मंत्र को बोलें

अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।

शास्त्रों के द्वारा श्राद्ध कर्म के दौरान पितरों को सात्विक भोजन कराएं। इसके साथ ही पितरों के साथ-साथ ब्राह्मणों को भी खिलाएं। पितरों के नाम  लेकर श्राद्ध करने का संकल्प लें। इसके बाद तर्पण कें। फिर पितरों के लिए आग में गाय का दूध, घी, खीर, दही सहित अन्य चीजें अर्पित करें। इसके साथ ही चावल का पिंड अर्पित करें।

पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के बाद कौआ, चींटी, गाय और कुत्ते के लिए भोजन निकाल दें। इसके साथ ही ब्राह्मणों को भी भोजन कराएं।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

मेष वार्षिक राशिफल 2024वृषभ वार्षिक राशिफल 2024
मिथुन वार्षिक राशिफल 2024कर्क वार्षिक राशिफल 2024
सिंह वार्षिक राशिफल 2024कन्या वार्षिक राशिफल 2024
तुला वार्षिक राशिफल 2024वृश्चिक वार्षिक राशिफल 2024
धनु वार्षिक राशिफल 2024मकर वार्षिक राशिफल 2024
कुंभ वार्षिक राशिफल 2024मीन वार्षिक राशिफल 2024