Pitru Paksha 2025, Pitru Dosh Upay: हिंदू धर्म में पितरों का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि जिन परिवारों पर पितरों की कृपा बनी रहती है, वहां सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। लेकिन कई बार जन्म कुंडली में पितृ दोष बन जाता है, जिसके कारण जीवन में बाधाएं, आर्थिक कठिनाइयां, संतान सुख में देरी या अन्य परेशानियां आती हैं। पितृ दोष का मुख्य कारण यह माना जाता है कि पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट हो, उनके कर्म अधूरे रह गए हों, या समय पर उनका श्राद्ध व तर्पण न किया गया हो। अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो टैरो कार्ड एक्सपर्ट पूजा वर्मा से जानें सरल और सहज उपाय जिन्हें अपनाकर आप पितृदोष के दुष्प्रभावों को शांत कर सकते हैं। इसके साथ ही पितरों की कृपा पा सकते हैं…
टैरो गुरु पूजा वर्मा के मुताबिक, पितृ दोष जीवन में कठिनाइयां ला सकता है, लेकिन यदि हम श्रद्धा और विश्वास से अपने पितरों का स्मरण करें। उन्हें अन्न-जल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें, तो दोष शांत हो जाता है। याद रखें, पितरों को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है- सच्ची श्रद्धा, सेवा और नियमित स्मरण।
पितृ दोष शांति के उपाय (Pitru Dosh Upay)
श्राद्ध और तर्पण करें
पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना सबसे प्रभावी उपाय है। पितरों को जल अर्पित करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
अन्न और जल का दान
सर्वपितृ अमावस्या के अलावा अन्य अमावस्या को गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, जल और वस्त्र दान करें। शनिवार और अमावस्या को विशेष रूप से पीपल के पेड़ के नीचे जल चढ़ाना और दीपक जलाना भी लाभकारी है।
गाय को खिलाएं ये चीजें
पितृ पक्ष के दौरान गाय को रोटी, गुड़ या हरा चारा खिलाने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है।
कौवों और चींटियों को भोजन कराना
माना जाता है कि पितर कौवों के रूप में आशीर्वाद देने आते हैं। अमावस्या या पितृ पक्ष के दिनों में कौवों को भोजन अवश्य कराएं। इसी तरह आटे की गोलियां बनाकर चींटियों को डालना भी पुण्यकारी है।
पितृ पक्ष में करें पीपल की पूजा
पीपल के वृक्ष को पितरों का प्रतीक माना जाता है। इसलिए हर शनिवार पीपल के पेड़ को जल दें और उसकी सात बार परिक्रमा करें। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
पितृपक्ष के दौरा करें इन मंत्रों का जाप
“ॐ नमः शिवाय” और “ॐ पितृदेवाय नमः” मंत्र का नियमित जाप करें। यह साधना पितरों को शांति देती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है।
गंगा जल का प्रयोग
पितरों की आत्मा की शांति के लिए गंगा जल का अर्पण करना शुभ होता है। गंगा स्नान करने से भी पितृ दोष के प्रभाव में कमी आती है।
पितृ दोष शांति से लाभ
- परिवार में आपसी विवाद कम होते हैं।
- संतान सुख और करियर में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
- आर्थिक स्थिति सुधरती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
- पितरों की आत्मा संतुष्ट होकर परिवार पर आशीर्वाद देती है।
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