Ancestors in Dream Meaning: अक्सर हम रात को सोते समय सपने देखते हैं और कई बार ये सपने हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सपनों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि ये हमारी जिंदगी में होने वाली घटनाओं का संकेत देते हैं। खासतौर पर पितृपक्ष के समय सपनों का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ और तर्पण करते हैं। कई बार पितृपक्ष में लोगों को अपने पितर सपने में दिखाई देते हैं, जिसका सीधा संबंध उनके जीवन की घटनाओं से होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सपने में पितरों का दिखना कब शुभ होता है और कब अशुभ माना जाता है।
पितरों की दुर्घटना या बीमारी दिखना
स्वप्न शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर सपने में पितर किसी दुर्घटना का शिकार होते दिखें या उनकी तबीयत खराब नजर आए, तो इसे शुभ माना जाता है। इसका अर्थ है कि आपके जीवन में आने वाला संकट टल गया है।
जीवित व्यक्ति का मृत दिखना
सपने में अगर कोई जीवित व्यक्ति मृत दिखाई दे तो इसे अशुभ नहीं बल्कि शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह संकेत होता है कि उस व्यक्ति की आयु में वृद्धि होने वाली है।
पितरों का आशीर्वाद देना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर सपने में पितर आपको आशीर्वाद देते हैं, तो यह सफलता और खुशहाली का प्रतीक होता है। यह इशारा है कि आपके कामों में प्रगति होगी और जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
पितरों का पास आना
यदि सपनों में मृत परिजन बहुत पास दिखाई दें, तो इसका मतलब है कि उनका आपसे मोह अभी तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसे सपने आने पर आपको उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
पितरों को कुछ देना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर आप सपने में अपने पितरों को कुछ चीजें दे रहे हैं, तो यह संकेत है कि आने वाले समय में आपका भाग्य साथ नहीं देगा और कठिनाइयां सामने आ सकती हैं।
बहुत सारे पितर दिखाई देना
अगर सपने में एक साथ कई पितर दिखाई दें, तो यह एक अशुभ संकेत माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस सपने का अर्थ है कि घर में किसी सदस्य की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
पितरों का भोजन या पानी मांगना
अगर सपनों में पितर आपसे भोजन या पानी मांग रहे हैं, तो यह अशुभ संकेत माना जाता है। इसका मतलब है कि पितर अतृप्त हैं और उन्हें श्राद्ध या तर्पण की आवश्यकता है। ऐसे में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना चाहिए।
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