How To Know About Pitru Dosha At Home: हिंदू धर्म में पितरों का विशेष महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों की आत्मा तृप्त नहीं होती या उनकी इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं, तो घर-परिवार पर पितृ दोष का असर दिखाई देने लगता है। यह दोष परिवार में कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। वास्तु और ज्योतिष दोनों ही मानते हैं कि पितृ दोष की वजह से घर में अशांति, बीमारियां, आर्थिक संकट और रिश्तों में तनाव बढ़ने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि इसके लक्षण पहचानकर समय पर उपाय किए जाएं।
पितृ दोष होने पर मिलते हैं कई संकेत
धर्म ग्रंथों और वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब घर में बार-बार क्लेश, लड़ाई-झगड़े और बेवजह तनाव का माहौल बनने लगे, तो यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है। त्योहार और खुशी के मौकों पर भी यदि परिवार में मनमुटाव या झगड़े हो जाते हैं, तो इसे भी पितृ दोष की एक बड़ी निशानी माना जाता है। यह दर्शाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रभावी है।
घर में पितृ दोष के लक्षण
पितृ दोष होने पर परिवार के सदस्य बिना वजह बीमार पड़ते रहते हैं। अक्सर किसी न किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या बनी रहती है। घर के अंदर दरारें पड़ना, अचानक पीपल का पौधा उग आना और तुलसी का पौधा बिना कारण सूख जाना भी इस दोष के संकेत माने जाते हैं। ऐसे संकेत बताते हैं कि घर का वातावरण पितरों की असंतुष्टि के कारण प्रभावित हो रहा है।
तुलसी का सूखना और अन्य संकेत
वास्तु के अनुसार, तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है। यदि अचानक यह पौधा सूख जाए, तो इसे पितृ दोष का संकेत माना जाता है। इसके अलावा, घर में बार-बार दुर्घटनाएं होना, शादी-ब्याह में अड़चनें आना और परिवार के सदस्यों के बीच अनावश्यक तनाव भी इस दोष के लक्षण हैं।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
शास्त्रों में पितृ दोष से छुटकारा पाने के कई उपाय बताए गए हैं। सबसे पहले पितरों के लिए यथाशक्ति दान करने की परंपरा है। भोजन, वस्त्र या धन का दान करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है। इसके साथ ही, मन से अपनी गलतियों के लिए पितरों से क्षमा मांगना भी जरूरी है।
दीपक जलाने का महत्व
वास्तु के अनुसार, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए रसोईघर में जल रखने के स्थान पर प्रतिदिन दीपक जलाना शुभ माना गया है। विशेषकर चतुर्दशी और अमावस्या को शाम के समय तेल का दीपक जलाएं और बत्ती का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें। यह उपाय पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है और घर के वातावरण को सकारात्मक बनाता है।
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