Pitru Paksha 2024: ज्योतिष पंचांग के मुताबिक पितृ पक्ष 18 सितंबर से आरंभ हो गए हैं और यह 02 अक्टूबर तक चलेंगे। आपको बता दें कि भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक सोलह दिनों को पितृ पक्ष कहा जाता है। इन दिनों में तर्पण और श्राद्ध करने का विधान है। मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों की आत्मा अपने परिवार वालों को आर्शीवाद देने के लिए धरती लोक पर आते हैं। वहीं तर्पण और श्राद्ध करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और वह संतान, आरोग्य और धन- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वहीं शास्त्रों में मनुष्यों पर उत्पन्न होते ही तीन ऋण बताए गए हैं- देव ऋण, ऋषिऋण और पितृऋण। श्राद्ध के द्वारा पितृ ऋण से निवृत्ति प्राप्त होती है। वहीं ज्योतिष में पितृ पक्ष की अवधि में पितृ स्त्रोत का पाठ करने का विधान बताया है। क्योंकि इस स्त्रोत का पाठ करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें इसके पाठ से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं इस स्त्रोत के बारे में और श्राद्ध की प्रमुख तिथियां….

पितृ स्त्रोत…

1. अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ।।

2. इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् । ।

3. मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।

4. नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा ।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।

5. देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।
अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।

6. प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।

7. नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।

8. सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।

9. अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।
अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।

10. ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय: ।
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस: ।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।

श्राद्ध पक्ष की सभी तिथियां

17 सितंबर पूर्णिमा श्राद्ध
18 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध
19 सितंबर द्वितीया श्राद्ध
20 सितंबर तृतीया श्राद्ध
21 सितंबर चतुर्थी श्राद्ध
22 सितंबर पंचमी श्राद्ध
23 सितंबर षष्ठी और सप्तमी श्राद्ध
24 सितंबर अष्टमी श्राद्ध
25 सितंबर नवमी श्राद्ध
26 सितंबर दशमी श्राद्ध
27 सितंबर एकादशी श्राद्ध
29 सितंबर द्वादशी श्राद्ध
30 सितंबर त्रयोदशी श्राद्ध
1 अक्टूबर चतुर्दशी श्राद्ध
2 अक्टूबर सर्व पितृ अमावस्या (समापन)

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