Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया था। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों के दौरान पितर धरती पर आते हैं। ऐसे में उनका आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें तृप्त करना बेहद जरूरी है। पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष 28 सितंबर से आरंभ हुए थे, जो 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन तक चलेंगे। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई तरह के उपायों को करने के साथ ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। आइए जानते है पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों को कौन सी सब्जियां नहीं खिलानी चाहिए।
पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि उन्हें भोजन कराए बगैर श्राद्ध पूरा नहीं होता है। श्राद्ध के दौरान ब्राह्मणों को कराया गया भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है। इसके अलावा गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा को भी भोजन करना पुण्यकारी माना जाता है। अगर आप भी ब्राह्मणों को भोज करा रहे हैं, तो इन दो सब्जियों को बिल्कुल नहीं बनाना चाहिए।
पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों को बिल्कुल न खिलाएं ये सब्जियां
पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किए जाते हैं। इसके साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। अग्नि पुराण के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराते समय कभी भी उन्हें पत्ता गोभी (बंद गोभी) और कुम्हड़ा (जिससे पेठा बनता है) की सब्जी नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि पितर इसे ग्रहण नही करते हैं और रुष्ट होकर शाप देकर वापस चले जाते हैं। इसलिए कभी भी इन दोनों सब्जियों को श्राद्ध कर्म में न बनाएं।
अग्नि पुराण, पद्म पुराण और गरुण पुराण के अनुसार, कुम्हड़ा का इस्तेमाल नवरात्रि के दौरान यज्ञ के दौरान इससे बलि दी जाती है। ऐसे में अगर इसकी सब्जी बनाई जाती है, तो सात घर की दूरी से ही पितर वापस लौट जाते हैं।
भैंस के दूध से न बनाएं खीर या मिठाई
भैंस का दूध से भी ब्राह्मणों के लिए खीर नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि यमराज की ये सवारी भैंसा है। ऐसे में अगर भैंसे के परिवार यानी भैंस के दूध की खीर खाने से बचें। अगर इसका वो पान करेंगे, तो उन्हें वापस आने पर ताड़ भोगना पड़ेगा। इसलिए हमेशा गाय के दूध की खीर बनाएं।
ब्राह्मणों को भोजन कराते समय ध्यान रखें बातें
- शास्त्रों के अनुसार, ब्राह्मणों को भोजन कराते समय कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, जिससे पितर अति प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
- ब्राह्मणों को भोज कराने से पहले उन्हें सम्मान के साथ आमंत्रित करना चाहिए।
- ऐसे ब्राह्मणों को भोजन कराएं, जिन्होंने उस दिन किसी दूसरी तरह श्राद्ध के भोजन को न खाया हो।
- पितृ पक्ष के दौरान भोजन हमेशा सात्विक बनाना चाहिए। ऐसे में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- श्राद्ध कर्म के दौरान भोजन हमेशा दक्षिण दिशा को मुख करके कराना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में पितरों का वास होता है।
- श्राद्ध कर्म के बाद सम्मान के साथ ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ अपनी योग्यता के अनुसार, वस्त्र, अन्न और दक्षिणा जरूर देनी चाहिए।
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