Sarva Pitru Amavasya: शास्त्रों में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। पितृ पक्ष लगभग 15 दिन का हर वर्ष आता है। इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध करते हैं। श्राद्ध पक्ष आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तिथि पर समाप्त होता है। अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या और महालया अमावस्या कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर को है। आइए जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं…

जानिए अमावस्या की तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार पितृ अमावस्या 25 सितंबर को सुबह 3 बजकर 12 मिनट से आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी कि 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगी।

ये काम करें अमावस्या पर

1- सर्व पितृ अमावस्या पर ब्राह्राणों और जरूरतमंदों को दान- पुण्य करना चाहिए। साथ ही इन दिन काले तिल और दूध के दान का विशेष महत्व होता है। आपको बता दें कि दान धर्म को देखकर पूर्वज आपसे प्रसन्‍न होते हैं और आपको सुखी व संपन्‍न रहने का आशीर्वाद देते हैं। जिससे घर में हमेशा सुख- शांति बनी रहती है।

2- सर्व पितृ अमावस्‍या पर गाय को हरा चारा या फिर पालक खिलाएं। गाय को चारा डालने से पितरों को भी संतुष्टि प्राप्‍त होती है। साथ ही गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास माना गया है।

3- इस दिन शाम को तेल का चौमुखी दीपक दक्षिण दिशा की तरफ जलाएं। ऐसी मान्‍यता है देवलोक को प्रस्‍थान करने में यह दीपक पितरों की राह रोशन करता है। साथ ही पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं, जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

5- पितृ अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त विशेष व्यंजन व पकवान बनाएं। साथ ही फिर पंचबली निकालें।  पंचबली भोजन में 5 स्थानों पर भोजन रखा जाता है जिसे गाय, चींटी, कौए और कुत्ते को खिलाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पंचबली भोजन से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह प्रसन्न होते हैं। इसके लिए भोजन को 5 पत्तलों पर निकालें।

इन कामों को नहीं करें अमावस्या पर

1- सर्व पितृ अमावस्या पर मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें। ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो सकते हैं। जिससे पितृदोष का सामान करना पड़ सकता है। 

2-पितृ अमावस्या के दिन द्वार पर आए किसी भी भिक्षुक को खाली हाथ न लौटाएं। मान्यता है कि इस दिन पितृ किसी भी रूप में आपके द्वार आ सकते हैं।

3-पितृ अमावस्या के दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है।

4- इस दिन किसी भी व्यक्ति या महिला को अपशब्द नहीं बोलें। ऐसा करने से पितृ नाराज हो जाते हैं।